फिर बढी न्यायिक हिरासत की अवधि…12 मई तक जेल में रहेंगे दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया..
(शशि कोन्हेर) : दिल्ली के कथित शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को अदालत ने राहत नहीं मिली है। अब अदालत से राहत नहीं मिलने के बाद उन्हें जेल में ही रहना होगा। अदालत ने शराब घोटाले में सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 12 मई तक बढ़ा दी है। इससे पहले सिसोदिया की जमानत याचिका का सीबीआई ने अदालत में विरोध किया था। जिसके बाद इस मामले में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल का दिन मुकर्रर किया था।
गुरुवार को मनीष सिसोदिया को दिल्ली स्थित राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। इससे पहले जब मामले की सुनवाई हुई थी तब सीबीआई ने कहा था कि जमानत मिलने पर सिसोदिया गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इतना ही नहीं सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति घोटाले का किंगपिन भी कहा था। बहरहाल अब अदालत ने सिसोदिया को राहत नहीं दी है और उन्हें अब 12 मई तक न्यायिक हिरासत में रहना होगा।
सीबीआई ने अदालत में बताया था कि मनीष सिसोदिया और विजय नायर इस आबकारी नीति घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि साजिश की जड़ें काफी गहरी हैं। सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में सिसोदिया को मुख्य आरोपी भी बताया है। सीबीआई का कहना है कि साउथ ग्रुप के साथ हुई बैठक के बाद प्रॉफिट मार्जिन को बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया था ताकि रिश्वत ली जा सके।
दिल्ली की अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज किए गए आबकारी नीति मामले में 31 मार्च को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि सिसोदिया प्रथम दृष्टया इस मामले में आपराधिक साजिश के सूत्रधार थे और उन्होंने दिल्ली सरकार में अपने और अपने सहयोगियों के लिए लगभग 90-100 करोड़ रुपये की अग्रिम रिश्वत के कथित भुगतान से संबंधित आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख भूमिका निभाई।
अदालत ने कहा था कि इस समय सिसोदिया की रिहाई से जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है और इसकी प्रगति गंभीर रूप से बाधित हो सकती है। सिसोदिया इस मामले में 26 फरवरी से हिरासत में हैं।