धान खरीदी की लिमिट को लेकर अजय चंद्राकर का विरोध..बात कुछ हजम नहीं हुई
(शशि कोन्हेर) : रायपुर – कुछ ही दिनों पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने समर्थन मूल्य पर किसानों से धान खरीदी की लिमिट में वृद्धि करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री द्वारा की गई इस घोषणा के मुताबिक अब सरकार किसानों से प्रति एकड़ 15 क्विंटल की जगह 20 क्विंटल धान की खरीदी करेगी। श्री भूपेश बघेल द्वारा लिया गया यह फैसला, एक ऐसा निर्णय है जिसकी पूरे प्रदेश के किसान दिल से तारीफ कर रहे हैं। कायदे से किसानों के हित में लिए गए इस फैसले की उनके विरोधियों को भी बिना कोई कंजूसी किए तारीफ करनी चाहिए। लेकिन हमारे देश के लोकतंत्र में विरोध की जो नई परंपरा चल रही है उसमें अपने विरोधियों के अच्छे कामों की भी तारीफ नहीं करने की कुसंस्कृति, सभी राजनीतिक दलों के नेताओं पर हावी हो चुकी है।
अपने ही प्रदेश की बात करें तो, जैसे कांग्रेस के तमाम नेता देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए (एक भी)अच्छे कार्यों की तारीफ में न केवल कंजूसी करते हैं। वरन जनहित में लिए गए उनके सभी फैसलों क कोई न कोई तर्क देकर दिल खोलकर आलोचना और विरोध किया करते हैं। ऐसा लगता है कि राजनीति के क्षेत्र में घुसपैठ कर चुकी यह संक्रामक बीमारी छत्तीसगढ़ भाजपा को भी लग चुकी है। अगर ऐसा नहीं होता तो किसान पुत्र होने के बावजूद पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा किसानों से धान खरीदी की लिमिट 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 क्विंटल किए जाने का विरोध नहीं करते।
राजनीतिक शिष्टाचार के मुताबिक श्री चंद्राकर को इस मुद्दे पर अगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ नहीं करनी थी। तो भी कम से कम मौन अख्तियार कर लेना था। आज वे खुद भी प्रदेश के किसी भी गांव में चले जाएं। अथवा अपने ही गांव के किसानों से चौपाल पर बैठ कर बात करें। तो उन्हें यह पता चलेगा कि भूपेश बघेल के धान खरीदी की लिमिट बढ़ाने के इस फैसले से किसान कितने खुश हैं। शायद श्री चंद्राकर वह दिन भूल गए जब भारतीय जनता पार्टी यह घोषणा किया करती थी कि वह सरकारी मूल्य पर किसानों के धान का एक-एक दाना तक खरीदेगी। इसलिए श्री चंद्राकर का ऐसा जबरिया विरोध प्रदेश के लोगों को हजम नहीं हो रहा है। एक वाकया याद आ रहा है।
बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद 11 बच्चों के पिता लालू यादव से किसी ने पूछा कि सरकार “परिवार कल्याण योजना” के लिए जन जागरण अभियान चलाती है। ऐसे में आप 11 बच्चों के पिता..? इस पर लालू यादव ने कहा कि दरअसल उस समय हम विपक्ष में थे। और विपक्ष में होने के नाते सरकार की हर योजना का विरोध करना हमारा धर्म था। इसीलिए हमने विरोधी पार्टी का नेता होने के नाते सरकार की परिवार नियोजन योजना का न जोरदार विरोध किया और 11-11.., बच्चे…! भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री अजय चंद्राकर अगर पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू यादव के इसी सिद्धांत के आधार पर धान खरीदी की लिमिट का विरोध कर रहे हैं, तब हमें कुछ नहीं कहना। वरना उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा धान खरीदी की लिमिट को 15 क्विंटल से बढ़ाकर 20 कुंटल किए जाने के फैसले का बिना कोई कंजूसी किये दिल खोलकर स्वागत करना चाहिए।