झूठे निकले 30 जून तक अरपा के शिव घाट और पचरीघाट बैराज का निर्माण पूरा होने का दावा करने वाले सभी अधिकारी
(शशि कोन्हेर के साथ जयेन्द्र गोले) : बिलासपुर। बिलासपुर शहर की यह तासीर रही है कि यहां कोई भी छोटा बड़ा निर्माण कार्य तय समय सीमा के भीतर, कभी भी पूरा नहीं होता। 1 साल में पूरा होने वाला कोई निर्माण कार्य यदि यहां तीन चार साल में भी पूरा हो गया तो भी उसे खुशकिस्मती माना जाता है। 50 साल पहले की भूमिगत नाली योजना, उसके बाद भाजपा शासनकाल में शुरू हुई सीवरेज ( दूसरी भूमिगत नाली योजना) परियोजना हो या अमृत मिशन का कार्य हो अथवा लखीराम सभा भवन के निर्माण का कार्य हो। कोई भी कार्य अपनी तय समय सीमा से दुगने और तिगने समय के पहले पूरा नहीं हुआ है। बिलासपुर शहर में अरपा नदी पर शिव घाट और पचरी घाट मैं बन रहे बैराज का निर्माण कार्य भला बिलासपुर की इस परंपरा का उल्लंघन कैसे कर सकता है।
लिहाजा बैराज का निर्माण कार्य भी अपनी तय समय सीमा से दोगुना समय लेता दिखाई दे रहा है। अभी कुछ दिन पहले शायद 16 जून को हड़प्पा बेसिन विकास प्राधिकरण के कार्यालय में हुई बैठक में अधिकारियों ने यह दावा किया था कि 30 जून तक दोनों ही बैराज का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। अधिकारियों ने पचरीघाट और शिव घाट बैराज के काम के बारे में लिखित में बताया था कि अभी तक 90% कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने साफ-साफ कहा था कि बचे हुए गेट और स्लैब का कार्य 30 जून तक पूर्ण हो जाएगा। जिस दिन अधिकारियों ने अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की बैठक में यह दावा किया था।
उसी दिन यह तय हो चुका था कि उनका यह दावा सफेद झूठ है। दोनों ही बैराज के निर्माण स्थल पर घिसट-घिसट कर चल रहा है काम चिल्ला चिल्ला कर यह कह रहा था कि अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की बैठक में 30 जून तक दोनों बैराज का निर्माण पूरा होने का अधिकारियों का दावा सफेद झूठ से कुछ कम नहीं है। और वही हुआ। बारिश-मानसून के साथ शुरू हो चुकी है। अरपा नदी में अब कभी भी पानी की धार चौड़ी और गहरी होकर पाटोपाट बह सकती है। ऐसे में अब यह उम्मीद करना कि 30 जून तक ताहुतदार ठेकेदार और उनका निरीक्षण करने वाले अधिकारी किसी भी कीमत पर दोनों बैराज का निर्माण पूरा नहीं कर पाएंगे। मूर्खों के स्वर्ग में विचरण करने जैसा है। अब इसके आगे की बात सोचिए। इन दोनों बैराज का निर्माण और अरपा नदी के उन्नयन व सौंदर्यीकरण का मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। और शिव घाट तथा पचरीघाट मैं बैराज निर्माण पूरा और अरपा का पानी रुकने से कांग्रेस को आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक लाभ मिलना तय था। अब वर्तमान स्थिति में चुनाव अथवा चुनाव आचार संहिता के पहले यह काम पूरा होगा या नहीं..? इस पर बिलासपुर विधानसभा में कांग्रेस का चुनावी नफा नुकसान काफी हद तक टिका हुआ है। आप सब भी शायद मेरी इस बात से सहमत ही होंगे।