नवीन कन्या महाविद्यालय खोलने के मामले में महाविद्यालय की प्राचार्या पर पेण्ड्रा की उपेक्षा का आरोप
(उज्जवल तिवारी) पेंड्रा: शासन ने जीपीएम जिले में नवीन कन्या महाविद्यालय स्वीकृत किया। इसके लिए शासन ने 9 बिंदुओं का पत्र लिखकर शासकीय महाविद्यालय पेण्ड्रा की प्राचार्या को स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर शासकीय भवन चयन करने का निर्देश दिया। लेकिन प्राचार्या ने महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति केन अध्यक्ष और सदस्यों तथा नगर पंचायत पेण्ड्रा के अध्यक्ष को नवीन कन्या महाविद्यालय के संबंध में कोई जानकारी नहीं दिया बल्कि मनमाने तरीके से गौरेला में दो शासकीय भवन होने की जानकारी देकर उनका निरीक्षण करा दिया और वहां नवीन महाविद्यालय खोलने का प्रस्ताव दे दिया।
प्राचार्या द्वारा किए गए उपेक्षा से पेण्ड्रा के नागरिक नाराज हैं और उन्होंने निष्पक्ष रूप से। फिर से निरीक्षण करने का ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से शासन को भेजा है। नागरिकों ने कहा है कि यदि निष्पक्ष निरीक्षण नहीं किया गया तो पेण्ड्रा में चक्काजाम किया जायेगा। नागरिकों ने प्राचार्या पर पेण्ड्रा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि पेण्ड्रा के शासकीय महाविद्यालय के बगल में ही पुराने भवन में पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त कमरे उपलब्ध हैं।
तथा रुसा मद से बने कमरे भी हैं और अन्य स्थलों पर भी शासकीय भवन उपलब्ध होने के बावजूद प्राचार्या ने इन भवनों का निरीक्षण नहीं कराया जिसके कारण नागरिकों ने आक्रोश व्यक्त किया है। बता दें कि पेण्ड्रा के शासकीय महाविद्यालय में 1700 छात्र छात्राएं पढ़ते हैं और लगभग 4000 छात्र छात्राएं एडमिशन से वंचित रह जाते हैं। जबकि जिले के अन्य महाविद्यालय में इससे आधी संख्या में छात्र छात्राएं एडमिशन लेते हैं। इसलिए कन्या महाविद्यालय खुलने से काफी संख्या में छात्राएं एडमिशन पा जातीं।
1. नवीन कन्या महाविद्यालय की स्वीकृति आदेश को प्राचार्या ने गोपनीय रखा।
उच्च शिक्षा संचनालय के आयुक्त ने 31 मई 2023 को जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही में नवीन कन्या महाविद्यालय हेतु भवन एवं भूमि चयन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आदेश बिलासपुर के उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक और डॉ भंवर सिंह पोर्ते शासकीय महाविद्यालय की प्राचार्या रेखा रानी राजपूत को दिया था। आदेश में 9 बिंदुओं पर अभिमत मांगा गया। पेण्ड्रा महाविद्यालय की प्राचार्या ने मनमानी करते हुए आदेश का अवहेलना किया। उन्होंने जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जयदत्त तिवारी सहित किसी भी सदस्य और नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश जालान को इस सम्बंध में नहीं बताया। सभी निर्णय स्वयं लेकर गोपनीय तरीके से नवीन महाविद्यालय के लिए गौरेला स्थित भवन का निरीक्षण भी करा दिया जिससे महाविद्यालय गौरेला में प्रारंभ हो गया। जबकि नागरिकों का कहना है कि निष्पक्ष रूप से निरीक्षण के बाद कहीं भी महाविद्यालय खोलने में कोई आपत्ति नहीं रहेगी।
2. प्राचार्या ने उच्च शिक्षा विभाग के नाम की भूमि की जानकारी भी छिपाई।
शासनादेश में प्राचार्या से नवीन महाविद्यालय के नए भवन के निर्माण के लिए जमीन की जानकारी भी मांगी गई है। पेण्ड्रा में उच्च शिक्षा के लिए 18 एकड़ भूमि दर्ज है उसके बावजूद भी प्राचार्या ने पेण्ड्रा की उपेक्षा करते हुए अपने पत्र में लिखा है कि भविष्य में प्रस्तावित महाविद्यालय के भवन हेतु उचित भूमि का चयन प्रशासन स्तर पर किया जावेगा जबकि उनके द्वारा स्पष्ट तौर पर लिखना चाहिए था कि उच्च शिक्षा विभाग के लिए पेण्ड्रा में भूमि उपलब्ध है।
3. जो भवन प्राचार्या ने दिखाया हमने उसका निरीक्षण किया, उच्च शिक्षा विभाग के नाम दर्ज भूमि की जानकारी नहीं दी.
इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग बिलासपुर के अपर संचालक डॉ अमित कुमार पांडे ने बताया कि पेण्ड्रा कॉलेज की प्राचार्या ने गौरेला स्थित जो भवन दिखाया हमने उसका निरीक्षण किया उन्होंने पेण्ड्रा में उच्च शिक्षा विभाग के नाम पर दर्ज भूमि की जानकारी हमें नहीं दिया है। उन्होंने बताया कि उन्हें पेण्ड्रा एवं मरवाही के शासकीय भवनों के सम्बंध में नहीं बताया गया था।
4. नवीन महाविद्यालय के भवन चयन और निरीक्षण को हमें नहीं बताया गया – जनभागीदारी अध्यक्षय
शासकीय महाविद्यालय पेण्ड्रा के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष जयदत्त तिवारी ने बताया कि नवीन महाविद्यालय खोलने संबंधी शासन से मिले पत्र की जानकारी प्राचार्या ने उन्हें और समिति के किसी सदस्य को नहीं दिया। महाविद्यालय खोलने हेतु खाली भवन के चयन और उसके निरीक्षण को भी हम लोगों से गोपनीय रखा गया।
5. नवीन महाविद्यालय खोलने की कोई जानकारी नहीं दी गई – नपं अध्यक्ष
नगर पंचायत पेण्ड्रा के अध्यक्ष राकेश जालान ने बताया कि नवीन महाविद्यालय खोलने की उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें इस संबंध में जानकारी दी जाती तो वो कई शासकीय भवन उपलब्ध करा सकते थे। उन्होंने कहा कि पेण्ड्रा में उच्च शिक्षा विभाग के नाम पर भूमि दर्ज होने के बावजूद भी उसकी जानकारी शासन को नहीं भेजना पेण्ड्रा के साथ अन्याय है और वो नगर के साथ इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
.