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अमरनाथ यात्रा बहाल…. मार्ग में डटे श्रद्धालु पहले जाएंगे, जम्मू से भी जत्था रवाना

(शशि कोन्हेर) : जम्मू – श्री अमरनाथ यात्रा दो दिन के व्यवधान के बाद आज सोमवार से बहाल कर दी गई। जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से भी श्रद्धालुओं का जत्था कश्मीर घाटी के लिए रवाना कर दिया गया है। मौसम साफ होने की वजह से सर्वप्रथम पहलगाम यात्रा मार्ग पर पंचतरणी में डटे श्रद्धालुओं को भी बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए आगे रवाना कर दिया गया। जम्मू से भी दो दिन बाद जत्था रवाना हुआ। शुक्रवार को बादल फटने के बाद यात्रा रोक दी गई थी। इसमें 16 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और 41 अभी भी लापता हैं। रविवार को पूरे दिन के अभियान के बावजूद किसी भी लापता श्रद्धालु का सुराग नहीं लग पाया। फिलहाल सुरक्षाबलों का अभियान जारी रहेगा।

जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का 12 जत्था आधार शिविर भगवती नगर से आज रवाना हुआ। पहलगाम और बालटाल रूट से दर्शन करने के लिए पंजीकृत किए गए कुल 4026 श्रद्धालु आज भगवती नगर स्थित आधार शिविर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बीच छोटे एवं बड़े वाहनों में बैठ कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए। यात्रा के लिए जम्मू से रवाना हुए। वहीं प्रशासन ने श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सेवा भी फिर से बहाल कर दी है।

जम्मू से रवाना हुए श्रद्धालुओं ने कहा कि हम ऊर्जा से भरे हुए हैं। शिव भक्तों का कहना था कि वे बाबा के ‘दर्शन’ के बिना वापस नहीं जाएंगे। हमें भोले बाबा पर पूरा भरोसा है और हम दिव्य हिमलिंग के दर्शनों का इंतजार है। हमें खुशी है कि यात्रा फिर से शुरू हो गई है।

शुक्रवार शाम बादल फटने के बाद बाढ़ और भूस्खलन से गुफा के पास आधारभूत ढांचे को काफी नुकसान हुआ और बालटाल यात्रा मार्ग का ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हुआ था। तेज बहाव से अमरनाथ गुफा के आसपास पेयजल व्यवस्था, बिजली और संचार व्यवस्था को भी काफी नुकसान पहुंचा। शनिवार से ही सेना और सुरक्षाबल यात्रा ट्रैक की मरम्मत और व्यवस्था बहाली में जुटे थे। रविवार को भी दिनभर सेना, केंद्रीय बलों के जवान और प्रशासन की तमाम एजेंसियां पूरी ताकत से ट्रैक को दुरुस्त करने में जुटी रहीं। खस्ताहाल ट्रैक को काफी हद तक दुरुस्त कर दिया गया है। संभव है कि मंगलवार से यात्रा को पूरी तरह रवाना किया जाए।

उधर पहलगाम, बालटाल और यात्रा मार्ग पर शिविरों में श्रद्धालु पूरे जोश के साथ डटे हैं और साफ कह रहे हैं कि भोले के दर्शन के बाद ही वापस लौटेंगे। पुणे से आए श्रद्धालु कुंदन नायक ने बताया कि दो दिन से वह बालटाल आधार शिविर में इंतजार कर रहे हैं। भगवान अमरनाथ के दर्शन के बाद ही लौटेंगे। वहीं, पंजाब से आए आयुष सिंह का कहना है कि जब तक भोले नाथ उन्हें दर्शन नहीं देंगे वह घर वापस नहीं लौटेंगे। बठिंडा निवासी डाक्टर देवराज ने उम्मीद जताई कि बालटाल मार्ग पर भी प्रशासन जल्द यात्रा बहाल करेगा।

तेज गति से काम निपटाने को सेना ने उतारी भारी मशीनरी : सेना की इंजीनिर्यंरग रेजीमेंट के जवान जल्द से जल्द यात्रा को सुचारू बनाने के मिशन पर हैं। तेज गति से काम निपटाने और यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने के लिए जवानों ने अपनी बाजुओं के दम पर जेसीबी मशीनों को भवन के पास पहुंचा दिया। बालटाल से पवित्र गुफा तक जिस 14 किलोमीटर मार्ग पार करने में श्रद्धालुओं को दम फूल जाता है, वहां जवानों ने भारी भरकम जेसीबी को अपनी बाजुओं से खींचते हुए पवित्र गुफा तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया। क्षेत्र को रोशन करने के लिए जेनेरेटर, ग्राउंड राडार, अन्य उपकरण शनिवार को भी भवन के करीब पहुंच गए थे। यह सारा अभियान सेना की पंद्रह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस ओजला व किलो फोर्स के जीओसी मेजर जनरल संजीर्व ंसह सलारिया की देखरेख में जारी है।

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