वायुसेना का कमाल, एक और नेशनल हाईवे पर उतार दिए फाइटर जेट..
भारतीय वायु सेना (IAF) ने मंगलवार को फिर एक बार कमाल कर दिया। वायुसेना ने आंध्र प्रदेश के बापटला जिले में एक नेशनल हाईवे पर ‘आपातकालीन लैंडिंग सुविधा’ (ईएलएफ) वाली हवाई पट्टी पर विमान उतारा। यह पराक्रम वायु सेना और असैन्य एजेंसियों के बीच उच्च स्तर के समन्वय को दर्शाता है।
यह नेशनल हाईवे आवश्यकता पड़ने पर सैन्य उद्देश्यों के लिए हवाई पट्टी के रूप में भी काम कर सकता है। वायुसेना ने इस दौरान नेशनल हाईवे पर अपना एक सुपरसोनिक लड़ाकू जेट और एक परिवहन विमान को सफलतापूर्वक लैंड कराया।
वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि 18 मार्च को यह परीक्षण किया गया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने वायु सेना की बताई गई विशिष्टताओं के अनुसार 4.1 किलोमीटर लंबी और 33 मीटर चौड़ी हवाई पट्टी का निर्माण किया है।
वायु सेना के अधिकारियों के अनुसार, ‘आपातकालीन लैंडिंग सुविधा’ (ईएलएफ) वाली हवाई पट्टियां आकस्मिक स्थिति के दौरान हवाई परिचालन के लचीलेपन को बढ़ाती हैं और दूर-दराज के क्षेत्रों में मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के दौरान अमूल्य संपत्ति के रूप में सहायक होती हैं।
वायु सेना ने कहा, ‘‘देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी अन्य हवाई पट्टियां पहले से परिचालन में हैं। हाल में आंध्र प्रदेश में इस ईएलएफ का परिचालन प्रायद्वीपीय भारत में किया गया है।’’ अधिकारी ने कहा, ‘‘वायु सेना के लड़ाकू और परिवहन विमान ने 18 मार्च को बापटला जिले के अद्दांकी में राष्ट्रीय राजमार्ग-16 के पास एक ईएलएफ हवाई पट्टी पर परिचालन किया।’’
वायु सेना ने कहा, ‘‘इस दौरान सुखोई-30 और हॉक लड़ाकू विमानों ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी, वहीं एन-32 और डॉर्नियर परिवहन विमान पहले हवाई पट्टी पर उतरे और बाद में वहां से उड़ान भरी।’’ अधिकारियों के अनुसार, वायु सेना समुचित स्थानों पर ऐसे ईएलएफ के निर्माण के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के साथ काम कर रही है।
बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब नेशनल हाईवे पर वायुसेना के विमान लैंड हुए हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने असम में पांच सहित विभिन्न राज्यों में ईएलवीई का निर्माण किया। इनमें पश्चिम बंगाल में चार; आंध्र प्रदेश, गुजरात और राजस्थान में तीन-तीन ईएलएफ शामिल हैं