केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कमाल… 6000 करोड़ का ब्रिज 680 करोड़ में..!
नई दिल्ली – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी हमेशा इनोवेशन पर जोर देते रहे हैं। उनका दावा है कि इनोवेटिव टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके कई प्रोजेक्ट्स की कीमत में भारी कमी लाई गई है। गडकरी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी पर बने रहे माजुली ब्रिज के निर्माण की लागत 6,000 करोड़ रुपये से घटाकर 680 करोड़ रुपये रह गई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार पुलों के निर्माण में ऐसी तकनीक लाई है जिससे दो पिल्लरों के बीच दूरी 30 मीटर से बढ़कर 120 मीटर होगी। साथ ही कास्टिंग बीम्स स्टील और फाइबर में होगी।
गडकरी ने बताया कि वह असम के तत्कालीन सीएम सर्वानंद सोनोवाल के प्रचार में माजुली गए थे। हेलिकॉप्टर में सोनोवाल उनका हाथ दबा-दबाकर बोलते रहे कि आप पुल के निर्माण की घोषणा कर दो। गडकरी ने कहा, ‘मैंने कहा कि मुझे पता नहीं है कि कॉस्ट कितनी हैं। आप जबर्दस्ती कर रहे हैं। सोनोवाल ने कहा कि आप बोल दो मैं चुनाव जीतूंगा, नहीं तो मैं हार जाऊंगा। ये लोग नाराज हैं। मैंने इमोशन में आकर माजुली पर पुल बनाने की घोषणा कर दी।’
गडकरी ने कहा कि जब वह दिल्ली आए तो उन्होंने अधिकारियों से इस पुल की लागत पूछी। उन्हें बताया गया कि इसकी लागत 6 हजार करोड़ रुपये होगी। गडकरी ने कहा कि इससे वह एकदम डाउन हो गए थे कि छह हजार करोड़ एक पुल के लिए कैसे दे दें। लेकिन इस बहाने बहुत अच्छा काम हुआ। हमने सिंगापुर और मलेशिया की टेक्नोलॉजी और बाकी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया। फिर माजुली का ब्रिज जो छह हजार करोड़ रुपये का था, उसे 680 करोड़ रुपये में यूपी ब्रिज कॉरपोरेशन को दे दिया गया।
ब्रह्मपुत्र नदी पर 8.25 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य पिछले साल नवंबर में शुरू हुआ था। यह पुल दुनिया के सबसे बड़े नदी द्वीप माजुली को जोरहाट से जोड़ेगा। इसे बनने में चार साल का समय लगेगा। पिछले साल फरवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पुल की आधारशिला रखी थी जबकि पिछले साल नवंबर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसके निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत की थी। ब्रह्मपुत्र नदी के बीच माजुली द्वीप के दूरस्थ इलाके के लोगों के लिए दो लेन का बड़ा पुल एनएच-715के पर बनाया जा रहा है।
माजुली द्वीप के लोगों की माजुली को जोरहाट से जोड़ने की पुराने लंबित मांग को पूरा करने के लिए जोरहाट से कमलाबाड़ी (माजुली) को जोड़ने के लिए एनएच-715के के निर्माण की घोषणा 17 नवंबर 2020 को की गई थी। चार फरवरी 2021 को इस परियोजना को स्वीकृति दी गई तथा आठ फरवरी, 2021 को मैसर्स यूपी स्टेट ब्रिज कॉरपोरेशन लिमिटेड को कार्य सौंपा गया। भारतीय आंतरिक जलमार्ग प्राधिकरण की आवश्यकताओं के अनुरूप ब्रह्मपुत्र नदी में जल परिवहन की सुविधा के लिए 125 मीटर लंबाई के (5 किलोमीटर) बाढ़ के उच्च स्तर पर 10 मीटर ऊंचाई वाले 40 स्पैन प्रदान किए गए हैं।
यह पुल माजुली द्वीप तक संपर्क प्रदान करेगा जो कि पिछले 500 वर्षों से असम की सभ्यता की सांस्कृतिक राजधानी और उद्गम है। माजुली द्वीप के लोगों को निकटवर्ती प्रमुख शहर जोरहाट पहुंचने में कम समय लगने से स्वास्थ्य, शिक्षा, आर्थिक गतिविधियों और विकास के बेहतर अवसर उपलब्ध हुए हैं। इस पुल से उत्तरी असम में उत्तरी लखीमपुर जिला मुख्यालय को संपर्क भी उपलब्ध हो गया है। पुल निर्माण से ब्रह्मपुत्र नदी में बाढ़ के दौरान माजुली द्वीप के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य आसानी से होगा।