और इस तरह चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का कांग्रेस से नहीं हो सका…
(शशि कोन्हेर) : नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के पिछले साल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना बनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. प्रियंका ने बताया कि इस ‘साझेदारी’ के मूर्त रूप नहीं ले पाने के कई कारण रहे. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कई कारणों के चलते ऐसा नहीं हो सकता. कुछ उनकी ओर से और कुछ हमारी ओर से. मैं इसके विवरण पर नहीं जाना चाहती. मोटे तौर पर कहूं तो यह कुछ मुद्दों पर सहमत होने में असमर्थता थी जो चर्चा को आगे बढ़ाने में बाधक बनीं. ‘ प्रियंका ने इस बात से इनकार किया कि इसका किसी ‘बाहरी व्यक्ति’ को कांग्रेस में लाने की अनिच्छा से कोई लेना-देना था. उन्होंने कहा, ‘यदि ऐसा होता तो इतनी अधिक चर्चाएं ही नहीं होतीं. ‘ प्रियंका गांधी का कहना है कि प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की संभावनाएं बनी थी। लेकिन कुछ कारणों से यह नहीं हो सका। प्रशांत किशोर के तीनों सोनिया गांधी राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पिछले वर्ष कई दौर की बातचीत हुई और चुनावी रणनीतिकार कि राहुल गांधी के घर जाने की तस्वीरों को देखकर ऐसी अटकलें लगाई जाने लगी कि प्रशांत किशोर शायद कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। ऐसा कहा जा रहा था कि उनके कांग्रेसमें प्रवेश की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी है लेकिन ऐन मौके पर बात नहीं बनी बातचीत टूटने की रिपोर्ट प्रशांत किशोर की ओर से किए गए सिलसिलेवार हमलों के रूप में सामने आएगी इसमें उन्होंने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि कांग्रेस का नेतृत्व एक व्यक्ति विशेष का हक नहीं है। खासकर तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90% चुनाव हार चुकी है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने इसी दौरान कहा था कि आने वाले कई दशकों तक बीजेपी कहीं जाने वाली नहीं है। मगर अफसोस की बात यह है कि राहुल गांधी को इसका अहसास तक नहीं है।