छत्तीसगढ़

गृहमंत्री साहू की टिप्पणी से नाराज सरोज ने लिखा सोनिया गांधी को पत्र, इस्तीफा लेने की मांग…..

(शशि कोन्हेर) : रायपुर। छत्तीसगढ़ में सड़कों की बदहाली का मामला अब दिल्ली तक पहुंच गया है। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के खिलाफ महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी किए जाने की शिकायत की है। पांडेय ने सोनिया गांधी से गृहमंत्री के खिलाफ तत्काल प्रभाव से सख्त से सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उनका इस्तीफा लेने की मांग की है।


पांडेय ने सोनिया गांधी को पत्र में लिखा कि कुछ दिनों पूर्व मैंने मरम्मत हेतु कराह रही छत्तीसगढ़ की बदहाल सड़कों का मुद्दा एक वीडियो के माध्यम से उठाया था। यह मेरे निजी अनुभव के साथ साथ लाखों प्रदेशवासियों की पीड़ा और गुहार भी थी जिसे मैं छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री जी तक पहुंचना चाहती थी।यह वीडियो जारी किए जाने के बाद से ही गुट बनाकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से मुझपर लगातार निजी टिप्पणियाँ की गयीं। पर हद तो तब हो गयी जब प्रदेश के गृहमंत्री और आपकी पार्टी के वरिष्ठ नेता ताम्रध्वज साहू जी इस विषय पर टिप्पणी करते वक़्त सारी मर्यादाएं लांघ गए। उनके बयान ने उनकी नारी विरोधी मानसिकता तो उजागर की, मगर उनके बयान को कांग्रेस पार्टी के संरक्षण ने आज समस्त कांग्रेस को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

सोनिया जी, यह वो देश है जहां के शीर्ष से शीर्ष पद की शोभा भी महिलाओं ने बढ़ाई है। पौराणिक काल से ही नारी को शक्ति का रूप मान कर उसकी उपासना करने वाले राष्ट्र में क्या कोई ऐसा व्यक्ति किसी जिम्मेदार पद पर बैठने लायक है जिसकी सोच महिला को सिर्फ सजावट की वस्तु मानती हो जिसकी मानसिकता पुरुष वर्चस्ववादी हो जिसके दिलो-दिमाग में यह विचार निहित हो कि महिलाओं की राजनीति में कोई जगह नहीं है वो गृह मंत्री के पद पर बैठ कर आधी आबादी के साथ न्याय कैसे कर सकेगा। सोनिया जी, हाल में ही उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने एक अभियान चलाया था ‘लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ। क्या वह सिर्फ दिखावा था क्या असल में प्रदेश के गृहमंत्री जी जैसे अहंकारियों की पार्टी है जिनकी क्षद्म श्रेष्ठता की भावना नारी का सम्मान तक भूल चुकी है।


छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री का बयान भारतीय नारी और भारतीयता के साथ साथ हर उस बेटी, हर उस महिला का अपमान है जो आज समाज की सभी बेडिय़ों को तोड़ कर सफलता के नित नये आयाम स्थापित कर रही है। इस प्रतिस्पर्धात्मक युग में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही महिलाओं को प्रदेश के गृहमंत्री जी जैसे लोग बर्दाश्त नहीं कर सकते, क्योंकि उनकी नस नस में एक सक्षम और सशक्त नारी के प्रति सिर्फ और सिर्फ नफरत है। कांग्रेस अध्यक्षा और एक बेटी की माँ होने के नाते पत्र में लिखी बातें आपको जरूर तर्कसंगत लगी होंगी। और यदि ऐसा है तो कृपया प्रदेश के गृहमंत्री जी पर तत्काल प्रभाव से सख़्त से सख़्त अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए उनका इस्तीफा लें। एक ऐसा व्यक्ति गृहमंत्री के पद पर बैठा अच्छा नहीं लगता जिसके हृदय में नारी के प्रति कुंठा का भाव हो। अगर आपकी तरफ से इसपर कोई कार्यवाही नहीं की गयी तो मैं उसे प्रदेश के गृहमंत्री जी के बयान पर आपकी मौन सहमति मानते हुए अपमान का वह घूँट पी लूँगी। छत्तीसगढ़ की जनता से बड़ा मेरे लिए कोई नहीं है, मैं उनकी समस्याओं और मुद्दों को उठाने के प्रति सदैव कटिबद्ध रहूँगी।

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