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छटनी और जबरिया रिटायरमेंट से नाराज उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के कर्मचारी आंदोलन पर मजबूर हुए

(शशि कोन्हेर) : उत्तर प्रदेश में दुर्दिन झेल रही कांग्रेस पार्टी विधान सभा चुनाव में पटकनी खाने के बाद खुद को सांगठनिक रूप से खड़ा करने की दिशा में भले ही कोई ठोस पहल न कर पाई हो लेकिन उसने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (यूपीसीसी) कार्यालय के कर्मचारियों को जबरन रिटायर करना शुरू कर दिया है।

पांच नियमित कर्मचारियों को जबरन रिटायर किये जाने से नाराज यूपीसीसी के लगभग 40 कर्मचारियों ने बुधवार को यूपीसीसी कार्यालय में धरना दिया। कर्मचारियों ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अपने साथ हो रहे अन्याय में हस्तक्षेप करने की मांग की है।

यूपीसीसी के उपाध्यक्ष व प्रभारी-प्रशासन योगेश दीक्षित ने बीती 31 मई को यूपीसीसी कार्यालय की कंप्यूटर आपरेटर ममता भार्गव, वरिष्ठ लिपिक उमा अग्रवाल व शर्मावती तिवारी, लिपिक कृष्ण कुमार शुक्ला और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हरि सागर को पत्र भेजकर सूचित किया कि वर्तमान परिस्थितियों में पार्टी कार्यालय में उनकी सेवाओं की एक जून से जरूरत नहीं होगी।

कर्मचारियों को एक महीने का अग्रिम भुगतान करने और लेखा विभाग से अपने खाते का हिसाब कर लेने के लिए कह दिया गया। इनके अलावा छह सफाईकर्मियों को भी काम पर आने से मना कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कर्मचारियों का सारा काम आउटसोर्स करने की तैयारी है।

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में कर्मचारियों ने कहा है कि अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों के रूप में उन्होंने जीवन के 25 से 35 वर्ष पार्टी की सेवा में लगाए। सेवा के अंतिम वर्षों में पार्टी की ओर से किया गया यह कृत्य कांग्रेस को शोभा नहीं देता। विधान सभा चुनाव में पार्टी ने अरबों रुपये फूंक दिए।

पार्टी से लाखों रुपये


विधान सभा चुनाव में पार्टी ने अरबों रुपये फूंक दिए। पार्टी से लाखों रुपये लेकर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने क्या अपनी भूमिका निभाई? इन प्रत्याशियों की गलती की सजा लाचार कर्मचारियों को क्यों दी जा रही है?

उन्होंने यह भी सवाल किया है कि 10 से 15 हजार रुपये वेतन पाने वाले कर्मचारियों को हटाया जा रहा है लेकिन इनसे कई गुना अधिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों की विभिन्न स्तरों पर नियुक्ति कर उनकी सेवाएं ली जा रही हैं। कर्मचारियों ने कांग्रेस अध्यक्ष से मांग की है कि उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की नियमावली के अनुसार सेवामुक्ति का भुगतान किया जाए।

दिलाई प्रियंका के नारे की याद : सोनिया को लिखे पत्र में कर्मचारियों ने यह भी कहा है कि कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा सरकारी कर्मचारियों की छंटनी को लेकर सरकार पर हमलावर रहती हैं तो फिर पार्टी के अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों को लेकर इतनी असंवेदनशीलता क्यों? प्रियंका के ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ नारे की भी याद दिलाई है। यह कहते हुए कि जिन पांच कर्मचारियों को रिटायर किया गया है, उनमें तीन लाचार महिलाएं शामिल हैं।

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