प्याज की कीमत गिरने से गुस्साए किसान ने 200 क्विंटल प्याज लोगों को बांट दिए
(शशि कोन्हेर) : महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में प्याज के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इससे किसानों के सामने भारी संकट खड़ा हो गया है. प्याज ना बिक पाने से परेशान एक किसान ने 100 किलो नहीं, 500 किलो नहीं बल्कि 200 क्विंटल (20 हजार किलो) प्याज लोगों मे मुफ्त बांट दी है।
प्याज की फसल पर नहीं मिल रहा वाजिब दाम
बुलढाणा जिले के शेगांव में रहने वाले किसान कैलाश पिंपले के पास साढ़े 3 एकड़ खेत है. वह 2 एकड़ में प्याज़ की खेती करते हैं. कैलाश के मुताबिक, इस बार फसल भी अच्छी हुई थी. 2 लाख रुपये की लागत आई थी, लेकिन प्याज़ के दामों में अचानक आई गिरावट ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा. बाजार में ये प्याज 4 से 5 रुपये किलो में बिक रहा है. ऐसे में व्यापारियों भी हमें हमारी फसल पर सही दाम नहीं दे रहे हैं।
किसानों का कहना है कि उनके पास अपनी प्याज की फसल उपजमंडी में ले जाने की भी व्यवस्था नही है. कहीं सें व्यवस्था कर भी ली तो कोई फायदा नही, क्योंकि उपजमंडी में फसल ले जाने के लिए लगने वाला खर्च भी प्याज़ बेचने के बाद वसूल नही होगा।
200 क्विंटल प्याज मुफ्त बांट दी
शेगांव शहर के मालीपुरा परिसर में रहने वाले कैलाश पिंपले ने 150 से 200 क्विंटल प्याज की फसल घर के सामने रखी थी, प्याज की फसल धूप के कारण खराब हो रही थी, स्टोरेज की उनके पास कोई सुविधा नहीं थी. किसान ने लोगों से उसकी प्याज की फसल मुफ्त में ले जाने की गुजारिश की पहले तो लोगों को यकीन नही हुआ, लेकिन किसान के बार-बार कहने पर लोगों की भीड़ प्याज ले जाने के लिए उमड़ पड़ी. किसानभीड़ द्वारा प्याज़ की फसल को ले जाते किसान आंसू भारी आंखों से देखता रहा. इससे कुछ दिन पहले भी ज़िले के एक किसान ने अपनी प्याज़ की फसल भेड-बकरियों को खिला थी, जिसके वीडियो सोशियल मीडिया पर वायरल हुए थे।
आदोंलन की चेतावनी
इस मामले पर स्वाभिमानी किसान संगठन के नेता रविकांत तुपकर ने कहा कि प्याज उत्पादक किसान आज आत्महत्या करने की कगार पर खड़े हैं. केंद्र सरकार अपना शहरी इलाकों का वोट बैंक बचाने के लिए किसानों को दरकिनरार कर रही है. अगर किसानों को आत्महत्या से बचाना है तो केंद्र की MSP के हिसाब से फसलें खरीदनी चाहिए. अगर सरकार प्याज़ उत्पादक किसानों की तकलीफ हल नही करेगी तो महाराष्ट्र में बड़ा आंदोलन संगठन किया जाएगा।