दिल्ली की एक्साईज पॉलिसी को लेकर अन्ना हजारे ने केजरीवाल को लिखा पत्र… ऐसा लगता है कि आप सत्ता के नशे में डूब गए हैं
(शशि कोन्हेर) : मुंबई – करीब एक दशक पहले दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकायुक्त कानून की मांग करते हुए अनशन करनेवाले अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार पत्र लिखा है। वह भी उनकी विवादित शराब नीति पर। अन्ना ने इस पत्र में केजरीवाल को कुछ पुरानी बातें याद दिलाते हुए लिखा है कि एक बड़े आंदोलन से उपजे किसी राजनीतिक दल को ऐसी नीति लाना शोभा नहीं देता।
अन्ना ने मंगलवार को केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि आपके मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मैं आपको खत लिख रहा हूं । पिछले कई दिनों से दिल्ली सरकार की शराब नीति के बारे में जो खबरें आ रही हैं, उन्हें पढ़कर बड़ा दुख होता हैं। अन्ना ने लिखा है कि आप लोकपाल आंदोलन के कारण हमारे साथ जुड़े। तब से आप और मनीष सिसोदिया कई बार हमारे गांव रालेगणसिद्धी आ चुके हैं। गांववालों द्वारा किया हुआ काम आपने देखा हैं। पिछले 35 साल से हमारे गांव में शराब, बीड़ी, सिगरेट नहीं बिकती है। यह देखकर आप प्रेरित हुए थे। आपने इस बात की प्रशंसा भी की थी।
राजनीति में जाने से पहले आपने ‘स्वराज’ नाम से एक किताब लिखी थी। इस किताब की प्रस्तावना आपने मुझसे लिखवाई थी। इस किताब में आपने ग्रामसभा, शराब नीति के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी थीं। किताब में आपने लिखा है कि वर्तमान समय में शराब की दुकानों के लिए राजनेताओं की सिफारिश पर अधिकारियों द्वारा लाइसेंस दे दिया जाता हैं। वे प्रायः रिश्वत लेकर लाइसेंस देते हैं। शराब की दुकानों के कारण भारी समस्याएं पैदा होती हैं। लोगों का पारिवारिक जीवन तबाह हो जाता हैं। विडम्बना यह है कि जो लोग इससे सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं, उनसे कोई नहीं पूछता कि क्या शराब की दुकान खुलनी चाहिए या नहीं ? इन दुकानों को उनके उपर थोप दिया जाता हैं।