(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अरुण साव के द्वारा शुक्रवार की रात को भारतीय जनता युवा मोर्चा के नए प्रदेश पदाधिकारियों और योजना प्रभारियों के नामों की घोषणा की गई। बहुत दिनों से प्रतीक्षित यह घोषणा बिलासपुर के भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए सरेआम अपमान जैसी रही है। इस घोषणा में बिलासपुर से जिले से एक भाजयुमो नेता अथवा कार्यकर्ता का नाम शामिल नहीं किया गया है। दवाई खाने को इस सूची में बिलासपुर से एक अनमोल झा और दूसरा नाम गौरी गुप्ता का है। इनमें से अनमोल झा को शासकीय योजना स्वाध्याय प्रमुख बनाया गया है वही गौरी गुप्ता को कन्या शक्ति संयोजिका मंडल प्रमुख बनाया गया है। मतलब बिलासपुर के हिस्से में आई इन दो नियुक्तियों को लाली पाप भी नहीं कहा जा सकता। यह कितना शर्मनाक है कि नए पदाधिकारियों में से 13 पदाधिकारी रायपुर से लिए गए हैं। जबकि गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले से एक भी भाजयुमो नेता को पदाधिकारियों को पदाधिकारियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है।
जिस तरह से रायपुर से एक मुश्त तेरह नए पदाधिकारी शामिल किए गए हैं उससे यही लगता है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष समेत तमाम बड़े नेताओं की नजर में छत्तीसगढ़ का मतलब सिर्फ रायपुर ही रह गया है। जहां तक बिलासपुर गौरेल्ला पेंड्रा मरवाही जिले की बात है। यहां यह बताना लाजमी है कि पदाधिकारियों की घोषणा में बेमेतरा से एक उपाध्यक्ष समेत तीन भिलाई से पांच कोरबा से एक कोषाध्यक्ष समेत तीन सरगुजा से एक प्रदेश महामंत्री समेत तीन इसी तरह बलरामपुर कवर्धा और बस्तर से भी भाजयुमो कार्यकर्ताओं और नेताओं को पदाधिकारी बनाया गया है। लेकिन बिलासपुर में कार्य करने वाले जुझारू और उत्साही भाजयुमो नेताओं तथा कार्यकर्ताओं की संगठन के नए ढांचे में जिस तरह उपेक्षा की गई है उसे बिलासपुर का अपमान ही कहा जाएगा। अब जरा गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले की बात करें तो इस जिले से एक भी भाजयुमो कार्यकर्ता और नेता को छोटे से छोटा पदाधिकारी तक नहीं बनाया गया है। कुछ माह पूर्व ही उपचुनाव के दौरान गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं को अपना हरावल दस्ता बताने वाली भारतीय जनता पार्टी ने जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों की घोषणा के समय पूरी तरह विस्मरण कर दिया है।