कानन पेंडारी जू में एक और भालू ने दम तोड़ा, 13 दिन में दूसरी घटना…..
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – कानन पेंडारी जू में गुरुवार को एक और भालू ने दम तोड़ दिया। 13 दिन में यह दूसरी घटना है। भालू की मौत के बाद जू प्रबंधन सकते में है। सुबह से सभी अधिकारी जू में मौजूद है। शाम चार बजे मृत भालू का पोस्टमार्टम किया गया। इसके साथ ही सैंपल एकत्र कर जांच के लिए लैब भेजा गया।
बीते 26 फरवरी को एक नर भालू की अचानक मौत हो गई। जू प्रबंधन मौत की वजह निमोनिया बता रहा था। हालांकि इसके दो दिन पहले उसका आहार कम हो गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद जू प्रबंधन भालू को नहीं बचा पाया। निमोनिया मानकर जू प्रबंधन ने अन्य भालूओं को लेकर सतर्कता नहीं बरती और 13 के भीतर एक और भालू की मौत हो गई। इस भालू में भी वहीं लक्षण थे, जो 13 दिन पहले मृत भालू में थे। तीन दिन पहले इसकी अचानक तबीयत बिगड़ी, आहार टूटा, जू प्रबंधन शहर के दो पशु चिकित्सकों की मदद ली और उपचार शुरू किया।
दवाइयों से कुछ असर तो पड़ा। पर बुधवार की देर रात अचानक फिर से तबीयत बिगड़ गई। भालू को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसलिए ऑक्सीजन भी लगाया गया। इससे भालू दो से तीन घंटे जीवित रहा और सुबह 10 बजे के करीब उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद जू हड़कंप मच गया। वाइल्ड लाइफ सीसीएफ एस जगदीशन, डीएफओ विष्णु नायर और अधीक्षक संजय लूथर समेत अन्य अधिकारी कानन पेंडारी जू पहुंचे। इसके अलावा पशु चिकित्सक भी पहुंचे। शाम चार बजे के बाद शव विच्छेदन प्रक्रिया शुरू हुई।
कानन पेंडारी जू में केवल एक पशु चिकित्सक डा. अजीत पांडेय है। वह भी अवकाश पर चल रहे थे। इसके अलावा वहां न तो पशु चिकित्सक है और अन्य उपचार की सुविधा है। चिकित्सकीय असुविधा को लेकर जू प्रबंधन कई बार शासन को पत्र लिख चुका है, लेकिन यहां चिकित्सक उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जबसे कानन में नया डीएफओ विष्णु नायर अपना पदभार ग्रहण किए हैं तब से लगातार जानवरों की मौत हो रही है 13 दिन में यह दूसरे भालू की मौत की खबर है जिसका अंतिम संस्कार आज कानन में किया गया।