(भूपेंद्र सिंह राठौर) : बिलासपुर – रैगिंग एक ऐसा अपराध है जिससे एक ओर जहां पीड़ित छात्र-छात्राओं ने कई बार घातक कदम उठाएं हैं तो वहीं आरोपी व दोषी छात्र-छात्राओं का भविष्य भी खराब हो जाता है।
सरकार ने इसके दुष्प्रभाव को देखते हुए कई नियम कानून बनाएं है। इस सम्बंध में शनिवार को न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट में एक कार्यक्रम के जरिये छात्र छात्राओं को जागरूक किया गया।
तमाम तरह के कानून और नियमों के बाद भी रेगिग की घटनाएं कम नहीं हो रही हैं। ऐसे में बड़े कॉलेजों में पढ़ने के लिए जाने वाले बच्चों के माता पिता हर समय डरे सहमे होते है कि कही उनके बच्चों के साथ कुछ ऐसी वैसी घटना तो नही हो रही होगी। वही रैगिंग जैसी घटना को अंजाम देने वाले सीनियर छात्र छात्राओं को भी नए स्टूडेंट के साथ ऐसी हरकत नही कि जानी चाहिए ये पालकों को समझाना चाहिए। जिससे उनके करियर पर किसी तरह की आंच न आए।
रैगिंग को एक अक्षम्य कृत्य व अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के साथ साथ कई राज्यों ने अपने स्तर पर भी कानून बनाए हैं। इन्ही विषयों पर शनिवार को सकरी स्थित न्यू होराइजन डेंटल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट में एंटी रैगिंग उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमे डी.सी.आई. सदस्य डॉ. एस.के.कथारिया अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती माता के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित और दीप जलाकर किया गया। इस दौरान डॉ राजकुमार खेत्रपाल, डीन राणा वर्गीश भी मौजूद रहे। इस दौरान मंचस्थ अतिथियों ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित किया। फिर डी.सी.आई. सदस्य डॉ. एस.के.कथारिया ने छात्रों को रेगिग के दुष्परिणाम बताए।
छात्र छात्राओं ने डॉ. एस.के. कथारिया के लेक्चर को सुना और उनके द्वारा बताई गए बातों को अमल करने की बात कही। लेक्चर के दौरान रैगिंग से उत्पन्न होने वाली समस्याओं की छात्र छात्राओं को जानकारी दी।