मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट अरपा बैराज के लिए मिल रही है “तारीख पे तारीख”, ठेकेदार के भाजपा से चुनाव लड़ने की चर्चा.. जब सीएम की डेडलाइन रद्दी की टोकरी में चली गई तो कलेक्टर की डेडलाइन कौन मानेगा..?
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर। हाल ही में बिलासपुर में नव पदस्थ कलेक्टर संजीव कुमार झा ने सदल बल अरपा नदी मैं बन रहे दो बैराजों के निर्माण कार्य का अवलोकन/ निरीक्षण किया। उनकी इस पहल को लेकर अखबारों तथा सोशल मीडिया में खबरें छपीं कि, कलेक्टर ने बैराज बनाने वाले ठेकेदार को हर हाल में 30 अगस्त तक दोनों बैराज का निर्माण कार्य पूरा करने का आदेश दिया है।
शायद नव पदस्थ कलेक्टर श्री संजीव कुमार झा को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि उनसे पहले पूर्व कलेक्टर श्री सौरभ कुमार और उनसे भी पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल खुद भी हर हाल में 30 जून तक दोनों बैराज का निर्माण कार्य पूरा होने का अल्टीमेटम दे चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 12 मई को अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की पहली अनौपचारिक बैठक में बतौर अध्यक्ष शामिल होने बिलासपुर आए हुए थे। इसी दिन उन्होंने बैराज निर्माण का काम 30 जून तक पूर्ण करने का अल्टीमेटम दिया था। उस वक्त उनके सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा,श्री महेश दुबे और श्री अभय नारायण राय समेत प्राधिकरण के सभी पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री की इस चेतावनी के बाद या कहें डेडलाइन के बाद तब के कलेक्टर श्री सौरभ कुमार भी अरपा बैराज के निर्माण कार्य का अवलोकन कर ठेकेदार को अपनी ओर से डेडलाइन दे चुके हैं। सोचने की बात यह है कि हर हाल में 20 जून तक बैराज निर्माण पूर्ण करने के मुख्यमंत्री के अल्टीमेटम को दरकिनार करने या रद्दी की टोकरी में डालने का दुस्साहस करने वाले ठेकेदार और अधिकारी नवपदस्थ कलेक्टर संजीव झा द्वारा दिए (एक और तारीख) 30 अगस्त तक बैराज का काम पूर्ण करने के अल्टीमेटम का पालन करेंगे। इस की राई रत्ती भी उम्मीद नहीं है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि सिंचाई और निगम अधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदार ने पहले ही मार्च 2024 तक के लिए बैराज निर्माण की समय सीमा बढ़ाने का आवेदन तकरीबन स्वीकृत ही करा लिया है। यहां यह बताना लाजमी है कि बैराज निर्माण का कार्य रायगढ़ के जिस महानुभाव को ठेके पर दिया गया है।
उन्होंने निर्माण स्थल से निर्माण के काम में लगने वाली जरूरी मशीनें और सामान वहां से हटवा दिया है। उड़ती उड़ती चर्चा यह भी आ रही है कि बैराज ठेकेदार, आगामी विधानसभा चुनाव में रायगढ़ जिले के किसी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने के जुगाड़ में हैं। अब इसमें कितनी सत्यता है यह तो ठेकेदार ही बताएंगे। लेकिन जो मंजर दिखाई दे रहा है। वह चीख चीख कर कह रहा है कि अरपा बैराज का काम किसी भी हालत में आगामी विधानसभा चुनाव के पहले करने के मूड में ना तो ठेकेदार हैं और ना जिम्मेदार अधिकारी।
यह काम तभी हो सकता है जब शासन और प्रशासन के बड़े अधिकारी हाथ में अनुशासन का चाबुक लेकर खुद निर्माण स्थल पर मौजूद रहे। लेकिन कभी बिलासपुर के जिला कलेक्टर रहे, एमके राउत, आर पी मंडल, सोनमणि बोरा के जमाने में किसी भी कार्य को समय-सीमा में पूरा करने का फैशन शायद अब बड़े अफसर में नहीं रह गया है। अरपा बैराज का निर्माण भले ही मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट हो। लेकिन इस प्रोजेक्ट के सपने को तहस-नहस के करने के काम में वह सभी अधिकारी लगे हुए हैं जिनके कंधों पर इसे समय सीमा के भीतर पूरा करने की जिम्मेदारी है।