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आदिपुरुष पर भड़के अरुण गोविल…कहा.. सनातन धर्म से छेड़छाड़ का चलन बन गया है


(शशि कोन्हेर) : फिल्म आदिपुरुष टीजर रिलीज होने के बाद से ही चर्चा में बनी हुई है। इसकी वजह है विवाद, फिल्म को लेकर कई सारे विवाद उठ रहे हैं। आयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने फिल्म को बैन करने की मांग की है। आदिपुरुष की तुलना 90 के दशक में आई रामानंद सागर की रामायण से भी हो रही है। आदिपुरुष का टीजर रामायण में सीता का किरदार निभाने वालीं एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया और लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले सुनील लहरी को पसंद नहीं आया। इसके बाद अब राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने भी फिल्म के टीजर पर निशाना साधा है। अरुण गोविल ने यूट्यब पर एक वीडियो रिलीज कर कहा है कि जब किसी और धर्म के साथ छेड़छाड़ नहीं करते फिर सनातन धर्म की परंपराओं और मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ क्यों किया जाता है।


अपने वीडियो में अरुण गोविल ने कहा- रामायण,महाभारत और श्रीमद्भागवत यह जितने भी ग्रंथ और शास्त्र हैं, ये सब हमारी धरोहर हैं। ये हमारे संस्कृति की जड़ हैं। सारी मानव सभ्यताओं की ये एक नींव है। इस नींव को हिलाया नहीं जा सकता है। इसके साथ इसपर किसी भी तरह की छेड़छाड़ को नहीं बर्दाश्त किया जा सकता है। इसे न ही बदला जा सकता है। हमारी संस्कृति और धार्मिक धरोहर जैसी है, उसे वैसा ही रखना चाहिए। क्या कोई अपनी नींव को खुद हिलाता है क्या? कोई अपनी जड़ बदलता है क्या?’


अरुण ने आगे कहा, दो साल पहले जब कोविड आया था, तो कोरोना ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को मजबूत किया था। टीवी पर जब रामायण प्रसारित हुई थी तो इसने एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था। ये एक बहुत बड़ा संकेत है। आजकल सनातन धर्म और उसकी मान्यताओं का मजाक बनाने का चलन बन चुका है। देवी और देवताओं के आपत्तिजनक पोस्ट बनाओ। हमारी धार्मिक भावनाओं के साथ छेड़छाड़ का अधिकार आखिर दिया किसने? जब आप किसी दूसरे धर्म की परंपराओं और मान्यताओं में बदलाव नहीं कर सकते। फिर सनातन धर्म की मान्यताओं के साथ छेड़छाड़ क्यों होता है। कुछ राइटर्स, पेंटर्स और एडवर्टाइजर्स को इस बात का ध्यान देना होगा कि क्रिएटिव स्वतंत्रता के नाम पर किसी की धार्मिक मान्यताओं को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करना चाहिए।

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