मानो तो मैं गंगा मां हूं…ना मानो तो बहता पानी…आज ही मां गंगा का अवतरण दिवस…अर्थात गंगा दशहरा..!
(शशि कोन्हेर) : आज गंगा दशहरा है। मतलब गंगा मईया का अवतरण दिवस। आज की तिथि को ही मां गंगा स्वर्ग से भोलेनाथ की जटा में और वहां से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस उपलक्ष में ही पूरे देश में आज गंगा दशहरा मनाया जा रहा है।
मां गंगा को अपने सात पुरखों की अनवरत तपस्या के बाद भागीरथ ने वर्षानुवर्ष कठिन तपस्या के बाद पृथ्वी पर आकर मानवों को पाप विमोचन कर पवित्र करने के लिए राजी किया था।
इसलिए आज के दिन मां गंगा के तटीय इलाके में बसे शहरों, गांवों और कस्बों में पूरे धूमधाम के साथ समारोह पूर्वक गंगा दशहरा मनाया जाता है। आज के दिन गंगा स्नान का बहुत अधिक महत्व है। ऐसे लोगों को परम सौभाग्यशाली माना जाता है जो आज के दिन मां गंगा जी में पवित्र डुबकियां लगाकर उसकी पूजा किया करते हैं।
जिन लोगों को आज गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का अवसर नहीं मिल पाता है। उन्हें स्नान के लिए बाल्टी अथवा टंकी में इकट्ठा किए गए पानी में 4-6 बूंद गंगाजल डाल कर और फिर स्नान करना चाहिए। जय हो गंगा मईया की।