जम्मू-कश्मीर में नवंबर-दिसंबर में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव, 90 विस क्षेत्रों में अगले माह से तैयार होंगी मतदाता सूचियां….
(शशि कोन्हेर) : श्रीनगर – परिसीमन आयोग का अंतिम आदेश पूरी तरह प्रभावी हो गया है। आयोग की रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर में भविष्य में होने वाले विधानसभा चुनाव का आधार बनेगी। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर दी है। अब 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हो गए हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर जल्द मतदाता सूचियां बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बता दें कि जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई की अध्यक्षता में मार्च 2020 में गठित परिसीमन आयोग ने रिपोर्ट पांच मई 2022 को ही सौंपी थी। परिसीमन आयोग के आदेश के मुताबिक गठित 90 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूचियों को तैयार करने की प्रक्रिया भी अगले एक माह के दौरान शुरू हो जाएगी। सूचियां तैयार होने के बाद चुनाव संभवत: नवंबर-दिसंबर में होंगे।
परिसीमन आयोग ने जम्मू कश्मीर में सात नई सीटों को बढ़ाने की प्रक्रिया के दौरान कई पुराने विधानसभा क्षेत्रों का स्वरूप बदलते हुए उन्हें युक्तिसंगत बनाया है। कई क्षेत्रों को उनके पहले के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों से अलग कर उन्हें किसी दूसरे क्षेत्र में शामिल किया गया है। प्रदेश में पांच ससंदीय निर्वाचन क्षेत्रों का स्वरूप बदला है। अब प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में 18 विधानसभा क्षेत्र हैं। जम्मू और कश्मीर में दो -दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र बनाते हुए पांचवे संसदीय निर्वाचन क्षेत्र को जम्मू व कश्मीर के पुंछ, राजौरी और अनंतनाग को मिलाकर बनाया गया है।
पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने से पहले के जम्मू कश्मीर राज्य में 87 सीटों पर चुनाव होता था जबकि 24 सीटें जो गुलाम जम्मू कश्मीर का प्रतिनिधित्व करती हैं, खाली रखी जाती रही हैं। इन पर चुनाव नहीं होता है। जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा की 87 सीटों में से जम्मू में 37, कश्मीर प्रांत में 46 और लद्दाख में चार सीटें थी। पुनर्गठन अधिनियम के बाद लद्दाख एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया और जम्मू व कश्मीर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गया।
जम्मू कश्मीर में 83 विधानसभा सीटों के अलावा 24 सीटें गुलाम जम्मू कश्मीर रह गई। पुनर्गठन अधिनियम के तहत जम्मू कश्मीर में विधानसभा के गठन से पहले विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन जरुरी है।इसके तहत ही परिसीमन आयोग का गठन किया गया था। परिसीमन आयोग ने दो वर्ष तक प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक, सामाजिक और सीविल सोसायटी के संगठनों से मुलाकात करने के बाद ही अपनी अंतिम रिपोर्ट तैयार की है।
परिसीमन आयोग ने जम्मू में छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाई। जम्मू में सीटों की संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो गई। अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए नौ और अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए सात सीटें आरक्षित भी हो गई हैं।