ऐन वक्त पर, भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के पुत्र…?
(शशि कोन्हेर) : लखनऊ – भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी प्रयागराज में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रही थीं और इधर, लखनऊ में उनके बेटे मयंक जोशी बगावत की राह पर निकल पड़े। चौथे चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले मंगलवार देर शाम वह सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिलने पहुंच गए। ‘शिष्टाचार भेंट’ बताते हुए जैसे ही अखिलेश ने मयंक के साथ की फोटो ट्वीट की, वैसे ही पुराने घटनाक्रम ने तस्वीर साफ कर दी। माना जा रहा है कि लखनऊ कैंट सीट से टिकट न मिलने से नाराज मयंक ने भाजपा को वोट की चोट पहुंचाने के इरादे से ऐन वक्त पर यह कदम उठाया है।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की पुत्री व कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रहीं डा. रीता बहुगुणा जोशी अब प्रयागराज सीट से भाजपा की सांसद हैं। 2017 में लखनऊ कैंट सीट से विधायक चुनकर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाई गईं रीता चाहती थीं कि इस बार कैंट से उनके बेटे मयंक जोशी को टिकट मिले। मामला सिर्फ दावेदारी तक नहीं था, बल्कि टिकट को अपने बेटे का अधिकार बताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिखा था। पत्र लिखने के बाद 18 जनवरी को उन्होंने पत्रकारों के पूछने पर स्पष्ट कहा था कि मयंक 2009 से इस सीट पर काम कर रहे हैं, इसलिए उन्हें टिकट मिलना चाहिए।
चूंकि पार्टी ने नीति बनाई है कि परिवार में एक ही सदस्य को टिकट दिया जाएगा, इसलिए इस नीति का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व से कह दिया कि यदि पार्टी उनके बेटे को विधानसभा का टिकट देती है तो वह सांसद के पद से तुरंत त्याग-पत्र देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, इस सबके बावजूद रीता जोशी ने कहा था कि वह भाजपा से नाराज नहीं हैं। बेटे को टिकट मिले या नहीं, पार्टी नहीं छोड़ेंगी। इसके बाद उन अटकलों को भी लगभग विराम लग गया था। उनके पुत्र मयंक जोशी की सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ फोटो देखने के बाद यह सब समझ में आ रहा है कि मयंक लखनऊ में भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं।