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अतीक अहमद हत्याकांड दो दरोगा एक एसओ और दो सिपाही हुए निलंबित

(शशि कोन्हेर) : माफिया अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ की हत्या मामले में पुलिसवालों पर गाज गिरी है. अतीक की सुरक्षा में लगे 5 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में लापरवाही की वजह से सस्पेंड कर दिया गया है. इसमें शाहगंज एसओ इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार सिंह सहित दो दरोगा और दो सिपाहियों को सस्पेंड किया गया है.


एसआईटी ने मंगलवार को एसओ समेत सभी पुलिसकर्मियों से पूछताछ की थी. जिसके बाद एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. शाहगंज थाने के बगल में काल्विन में ही 15 अप्रैल को 3 हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थी.

गौरतलब है कि 15 अप्रैल को माफिया-नेता अतीक अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की प्रयागराज में तीन हमलावरों ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब पुलिस दोनों को चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थी. पत्रकारों की वेश में आए तीन हमलावरों ने अतीक और उसके भाई को उस समय बहुत करीब से गोली मार दी, जब वे मीडियाकर्मियों से बात कर रह थे, जबकि उनके आसपास पुलिस कर्मियों का पहरा था.

अतीक और अशरफ की हत्‍या करने वाले शूटरों के नाम लवलेश, सनी और अरुण है. जिन्हें पुलिस ने मौके से ही पकड़ लिया था. बुधवार को सीजेएम कोर्ट ने उन्हें पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से सीजेएम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर 7 दिनों की कस्टडी रिमांड मांगी गई थी. हालांकि सीजेएम कोर्ट ने तीनों आरोपियों की चार दिन की कस्टडी रिमांड की मंजूरी दी है. कस्टडी रिमांड पूरी होने के बाद अब 23, अप्रैल को आरोपियों को पुलिस कोर्ट में पेश करेगी.


वहीं इस साल 24 फरवरी को विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक का बेटा असद आरोपी था और फरार चल रहा था. असद 13 अप्रैल को झांसी में पुलिस मुठभेड़ में अपने एक साथी के साथ मारा गया था. अतीक अहमद और अशरफ की हत्या से कुछ घंटे पहले ही असद का अंतिम संस्कार हुआ था.

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