आजम खां ने इसी साल छोड़ी थी सांसदी और अब विधायकी भी गई, फैसले के खिलाफ जाएंगे कोर्ट
(शशि कोन्हेर) : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां की विधायकी (विधानसभा सदस्यता) रद होने के बाद अब रामपुर में फिर से उपचुनाव के आसार बनने लगे हैं। इसी साल मार्च में आजम खां ने विधायक बनने के बाद लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
अब भड़काऊ भाषण मामले में आजम खां को तीन साल की सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता शुक्रवार को रद करके रामपुर विधानसभा सीट रिक्त घोषित कर दी गई। हालांकि, आजम खां के बेटे अब्दुल्ला आजम का कहना है कि विधायकी रद्द होने के खिलाफ कोर्ट में जाएंगे। अब्दुल्ला आजम की विधायक जब रद हुई थी तब वे भी कोर्ट गए थे।
सपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक आजम खां के खिलाफ 93 मुकदमे दर्ज हैं। कल उन्हें भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा हुई थी। हालांकि, उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। आज उनकी विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई। साथ ही रामपुर विधानसभा सीट का रिक्त घोषित कर दिया गया। इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है।
आजम खां 10वीं बार बने थे विधायक
इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करके आजम खां 10वीं बार विधायक बने थे। वह सपा का मुस्लिम चेहरा होने के साथ ही फायर ब्रांड नेता रहे हैं। वह अपने तीखे बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। साल 2019 में वह पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े। तब सपा और बसपा में गठबंधन था। उनके मुकाबले भाजपा की ओर से फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा प्रत्याशी थीं। लोकसभा चुनाव के दौरान उन पर कई मुकदमे दर्ज हुए थे।