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ओला और उबर के विलय की खबरों को भाविश अग्रवाल ने बताया बकवास

(शशि कोन्हेर) : ओला के संस्थापक और सीईओ भाविश अग्रवाल ने शुक्रवार को उस रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि ओला और उबर संभावित विलय पर विचार किया जा रहा हैं। भाविश अग्रवाल ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, ‘बिल्कुल बकवास।

हम बहुत लाभदायक हैं और अच्छी तरह से आगे बढ़ रहे हैं। अगर कुछ अन्य कंपनियां भारत से अपने कारोबार को बाहर निकलना चाहती हैं, तो उनका स्वागत है! हम कभी विलय नहीं करेंगे।

भारतीय कैब एग्रीगेटर ओला और उबर टेक्नोलॉजीज एक संभावित विलय पर विचार कर रहे हैं। ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने उबर के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की। रिपोर्ट में आगे कहा गया, ‘यह रिपोर्ट गलत है। हम ओला के साथ विलय की बातचीत में नहीं हैं।’

ओला ने कहा-


ओला ने कहा कि यह दुनिया की सबसे मजबूत बैलेंस शीट के साथ सबसे अधिक लाभदायक राइड हेलिंग कंपनियों  में से एक है।
एक कंपनी ने कहा, ‘हम भारत में मार्केट लीडर हैं और अन्य प्लेयर्स की तुलना में काफी बड़े हैं। इसलिए, किसी भी तरह का मर्जर पूरी तरह से समीकरण से बाहर है।


ओला ने आगे कहा, ‘हमारा मानना है कि मोबिलिटी सेवाओं की बात करें तो भारत के पास अनलॉक करने के लिए बहुत अधिक अवसर हैं।’


किन चीजों पर है ओला का पूरा ध्यान-


ओला का पूरा ध्यान अपने टू-व्हीलर और फोर व्हीलर इलेक्टि्रक वाहनों पर है। इसके लिए कंपनी ने हाल ही में अपने यूज्ड व्हीकल बिजनेस ‘ओला कार्स’ और क्विक कामर्स बिजनेस ‘ओला डैश’ को बंद कर दिया है। ओला अपने इलेक्टि्रक कार, बैटरी सेल निर्माण और फाइनेंस सर्विस के बिजनेस में अधिक निवेश करना चाहती है। वहीं ओला के राइड हेलिंग बिजनेस में वर्तमान में 1100 से अधिक कर्मचारी हैं।

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