बंगाल में कांग्रेस को तगड़ा झटका इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने छोड़ा हाथ
(शशि कोन्हेर) : पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को सोमवार को बड़ा झटका लगा। राज्य विधानसभा में पार्टी के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास सोमवार को सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी का दामन थामा।
बायरन बिस्वास मुर्शिदाबाद जिले में अल्पसंख्यक बहुल सागरदिघी निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं। बिस्वास सत्तारूढ़ पार्टी के जनसंपर्क अभियान तृणमूल नवज्वार के दौरान घाटाल क्षेत्र में टीएमसी में शामिल हो गए।
तृणमूल कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘आज जनसंजोग यात्रा के दौरान अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में सागरदिघी के कांग्रेस विधायक बायरन बिस्वास हमारे साथ शामिल हुए। हम उनका तृणमूल कांग्रेस परिवार में तहे दिल से स्वागत करते हैं।’ टीएमसी के ट्वीट में कहा गया, ‘भाजपा की विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण राजनीति के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प को मजबूत करने के लिए, आपने सही मंच चुना है। साथ मिलकर, हम जीतेंगे।’
अभिषेक बोले- भाजपा से लड़ने में सक्षम टीएमसी
कांग्रेस विधायक के टीएमसी में शामिल होने अभिषेक बनर्जी ने खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा, ‘बायरन बिस्वास हमारी पार्टी में शामिल हुए हैं, क्योंकि उन्हें लगा कि टीएमसी ही एकमात्र ऐसी ताकत है, जो बंगाल में भाजपा से लड़ने में सक्षम है।’
अभिषेक बनर्जी से पूछा गया कि क्या बिस्वास इस्तीफा देकर एक और उपचुनाव लड़ेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘विधानसभा अध्यक्ष को यह तय करना है कि बिस्वास ने दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है या नहीं। अगर स्पीकर कहते हैं, तो बिस्वास फिर से इलेक्शन लड़ेंगे।’
TMC में शामिल होने के बाद बिस्वास ने आरोप लगाया कि बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का बीजेपी के खिलाफ रवैया हमेशा निष्क्रिय रहा है। उन्होंने कहा कि वह हर वक्त टीएमसी को टारगेट करते रहते हैं। बिस्वास ने कहा, ‘मेरी जीत में कांग्रेस का कोई योगदान नहीं रहा।
मैं तो टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहता था। अब कांग्रेस मुझे देशद्रोही क्यों कहने लगी है? क्या वे 2021 में एक सीट भी जीत सके? मैं कांग्रेस में काम नहीं कर पा रहा था, इसलिए उसे छोड़ दिया। मैं सही मंच चाहता था, जो कि अब मिल गया है।’
TMC बायरन पर हमेशा डालती रही दबाव: अधीर रंजन
वहीं, अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि टीएमसी बिस्वास पर पार्टी बदलने का दबाव डालती रही। उन्होंने कहा, ‘तृणमूल सागरदिघी हार को स्वीकार नहीं कर पाई। वे बायरन पर तीन महीने से दबाव बना रहे थे। उन्होंने चुनाव के फैसले को पलटने के लिए पूरी ताकत लगाई।
मैं बायरन से अपील करता हूं कि अब वे कांग्रेस से सवाल न करें। हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें जीताने में कड़ी मेहनत की है।’ मालूम हो कि बिस्वास ने इस साल की शुरुआत में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सागरदिघी सीट जीती थी। इस तरह राज्य विधानसभा में कांग्रेस का खाता खुला था, क्योंकि 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया था।
जब बायरन ने कहा- मुझे नहीं खरीद सकती TMC
गौरतलब है कि उपचुनाव में कांग्रेस की जीत को तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था। इस जीत से कांग्रेस नेता काफी उत्साहित नजर आ रहे थे। हालांकि, चुनाव जीतने के साथ ही बायरन के टीएमसी में शामिल होने की अटकलें भी शुरू हो गई थीं। इसे लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा था, ‘तृणमूल मुझे नहीं खरीद सकती है। मैं तृणमूल को खरीद लूंगा।’ मगर, अब तो उन्होंने जीत के तीन महीने के अंदर ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।