(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर नगर निगम पर शहर के सभी 70 वार्डों मोहल्लों की भीतरी जर्जर हो चुकी सड़कों के मरम्मत तथा पुनर्निर्माण का भारी दबाव है। लगभग सभी पार्षद अपने अपने मोहल्ले वालों की जर्जर हो चुकी सड़कों को बनाने तथा सुधारने संवारने के लिए नगर निगम पर भारी दबाव बनाए हुए हैं। लेकिन नगर निगम के पास इसके लिए फूटी कौड़ी भी नहीं है।
भले ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कुछ दिनों पूर्व सभी सड़कों को टीप-टॉप बनाने का फरमान जारी किया था। लेकिन जहां तक बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र की बात है..बिना पैसों के उनका फरमान जमीन पर उतरता दिखाई नहीं दे रहा है। भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम के द्वारा निगम क्षेत्र के सभी वर्गों की भीतरी सड़कों की मरम्मत और सुधार तथा पुनर्निर्माण के लिए शासन से 35 करोड़ रुपए की मांग की है।
लेकिन सरकार के सामने इस बाबत प्रस्ताव भेजने को कई हफ्ते होने के बावजूद नगर निगम को बिलासपुर के सभी 70 वार्डों की भीतरी सड़कों की हालत सुधारने के लिए शासन से कोई राशि नहीं दी जा रही है। नगर निगम के पदाधिकारियों को चिंता है कि इसी साल के अंत में पूरे प्रदेश के साथ बिलासपुर में भी विधानसभा के चुनाव होने हैं। बिलासपुर नगर निगम में बिलासपुर के अलावा, बेलतरा बिल्हा और तखतपुर तथा मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के भी घनी बस्ती वाले कई इलाके आते हैं।
ऐसे में आसन्न विधानसभा चुनाव को देखते हुए तत्काल इन सड़कों का निर्माण बेहद जरूरी है। तभी हो पाएगा जब प्रदेश सरकार बिलासपुर नगर निगम के द्वारा इस कार्य के लिए मांगे गए 35 करोड़ रुपए बिलासपुर को आवंटित करेगी।
शहर में कांग्रेस के शुभचिंतकों का यह मानना है कि यदि अभी दो-तीन महीने के भीतर शहर के वार्डों की भीतरी सड़कों की मरम्मत सुधार और निर्माण नहीं हो जाता तो ऐन चुनाव के पहले हड़बड़ी में रातो-रात इसे बनाने का कोई लाभ कांग्रेस को नहीं मिल पाएगा। क्योंकि ठीक चुनाव के पहले अगर या सड़क बनेगी तो लोग यही कहेंगे…देख अब चुनाव
आ गे से तो सरकार कईसे रातों-रात सड़क बनाबत हे..!