बिलासपुर के रंग निर्देशक सुनील चिपड़े को मिला प्रतिष्ठित शरदचंद्र वैरागकर सम्मान
(दिलीप जगवानी) : लगातार काम मे सक्रिय रहते हैं तो यकीन मानिये आप कुछ नया अनुभव करते है. सीखने का एक सशक्त माध्यम रंगमंच है. यहां आप पहले समर्पित होते हैं फिर सम्मान पाते हैं. 30 सालो का रंग सफ़र तय करने के बाद बिलासपुर के नाट्य निदेशक सुनील चिपड़े को प्रतिष्ठित शरदचंद्र वैरागकर सम्मान मिला है.
बिलासपुर के अग्रज नाट्य दल के निदेशक सुनील चिपड़े को 12 वां शरदचंद्र वैरागकर सम्मान से मिला है. रायगढ़ इप्टा ने एक समारोह में सुनील को उनकी टीम की उपस्थिति मे य़ह सम्मान प्रदान किया. इस सम्मान के घोषणा ने सुनील चिपड़े को पहले चकित किया फिर उन्होंने खुद को टटोलकर देखा. रंग मंच की नामी हस्तियों बंशी कौल सीमा बिस्वास मानव कौल रघुवीर यादव संजय उपाध्याय को इससे पहले शरद चंद्र वैरागकर पुरस्कार दिया जा चुका है.
सुनील कह्ते है अग्रज नाट्य दल की स्थापना के साथ इन 30 सालों मे कई नाटकों का निर्देशन जेल मे बंदियों का हुनर तराशना सबसे महत्वपूर्ण नाट्य कला से शिक्षा को जोड़कर प्रभावी बनाने की दिशा में काम करना य़ह सब कुछ अनवरत रहा है यही इस सम्मान के पीछे का प्रतिफल हैं.
रायगढ़ इप्टा से सम्मान मिलाना उनके लिए अद्भुत था उपस्थित अग्रज दल का उत्साहवर्धन हुआ है सुनील मानते हैं कि निर्देशक कलाकार के बिना कुछ भी नहीं है. पुरस्कार स्वीकार करते ही रायगढ़ में बहुत सारी संस्थाओं ने सुनील का परंपरागत तरीके से स्वागत किया य़ह दृश्य भी गहराईयों तक याद रहने वाला है.
सम्मान मिलने पर समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है इस नाते सुनील चिपड़े नाट्य उत्सव के अलावा एनएसडी और देश मे रंग जगत के प्रसिद्ध लोगों से सीखने वर्कशॉप करना चाहते हैं. स्कुल स्तर पर थियेटर फेस्टिवल आयोजित करने की उनकी योजना है.