कोरिया

पर्यटन स्थल अमृतधारा को नई पहचान देगा बायोडायवर्सिटी (जैव विविधता) पार्क

(रामप्रसाद गुप्ता) : ,मनेन्द्रगढ़ – वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा अमृतधारा में वायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। पार्क के अंदर प्रकृति की सुंदरता को निहारने के लिए विभाग द्वारा 2 नए वॉच टॉवर का निर्माण कराया गया है, जिससे यहाँ पहुँचने वाले पर्यटकों को इसका काफी लाभ मिलेगा और इस क्षेत्र में दूर-दराज से आने वाले लोगों के आकर्षण का केन्द्र बनेगा। बस्तर के चित्रकोट की तरह मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड अंर्तगत आने वाला अमृत धारा जलप्रपात पर्यटकों के आकर्षक का केन्द्र है, जहां दूर-दराज से लोग आते है बरसात के समय जल प्रपात का नजारा और भी लुभावना हो जाता है। इस वायो डायवर्सिटी पार्क का संचालन स्थानीय स्तर पर समिति के द्वारा किया जाएगा।

तितली पार्क आकर्षक का केन्द्र
वन विभाग द्वारा अमृत धारा के पास बनाए गये तितली पार्क जिसमें कई प्रकार की रंग-बिरंगी
तितलियों को अठखेलियां करते देखा जा सकता है। मनोरंजन के लिए यहां आने वाले बच्चे तितलियों को देखकर यकीकन खुश हो जाएंगे। आने वाले समय में यहां तितलियों की और भी
कई प्रजातियां देखने को मिलेंगी।

इंटरप्रिटेशन सेंटर
बायो-डायवर्सिटी पार्क में आमजनों को पक्षियों का महत्व बताने व जागरूकता एवं पर्यावरण
प्रेमियों एवं पर्यटकों के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर तैयार किया गया है,
जहां पर्यटक आकर सजीव
चित्रों का अवलोकन कर सकते हैं साथ ही पर्यटक यहां विश्राम एवं परिवारिक
कार्यक्रम भी कर सकते हैं।

चंदन नर्सरी
वन मण्डल मनेंद्रगढ़ के बिहारपुर परिक्षेत्र में बनी चंदन नर्सरी पूरे
छत्तीसगढ़ में केवल यहीं देखने
को मिलती है। हसदेव नदी के किनारे की काली मिट्टी इस तरह के चंदन लिए अनुकूल होती है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी बिहारपुर शंखमुनि पांडेय बताते हैं कि बिहारपुर वन परिक्षेत्र बीट-अमृतधारा
उत्तर के सर्किल हसदेव में 111 हेक्टेयर में निर्मित पार्क के 25
हेक्टेयर में 27 हजार 500 चंदन
के पौधों का रोपण किया गया है। उन्होंने बताया कि बायो-डायवर्सिटी पार्क में बने तालाब व
एनिकेट जंगली जानवरों हाथी, भालू, तेंदुआ, नीलगाय, चीतल,जंगली खरगोश, जंगली सुअर,
लकड़बग्गा, सियार, कोटरी एवं मोर सहित विभिन्न पशु-पक्षियों का विचरण क्षेत्र है ।

पार्क के लिए विधायक ने की वन विभाग की सराहना
सविप्रा उपाध्यक्ष भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो ने भी बायो-डायवर्सिटी पार्क के लिए वन विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि अमृतधरा जलप्रपात को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान दिलाने का प्रयास किया जा रहा है। इस दिशा में जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार तेज गति से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अमृतधारा का नाम छत्तीसगढ़ के इतिहास और पन्नों में लिखा जाएगा।

इको-टूरिज्म को बढ़ावा – डीएफओ
वनमंडलाधिकारी मनेंद्रगढ़ लोकनाथ पटेल ने बायो-डायवर्सिटी पार्क के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि पार्क का कार्य वर्ष 2021 में आरंभ हुआ है। वन मंडल अंतर्गत बिहारपुर रेंज में 111 हेक्टेयर में फेंसिंग किया गया है। इंटरप्रिटेशन सेंटर, चंदन नर्सरी के साथ अमृतधारा जलप्रपात के नजदीक तितली पार्क है, उसे भी विकसित किया जा रहा है।इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

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