राज्यसभा में तीसरा मौका नहीं देती BJP! अब इन सांसदों का क्या होगा?
(शशि कोन्हेर) : देश में आम चुनाव यानी 2024 लोकसभा चुनाव नजदीक ही हैं. ऐसे में सभी दल इन चुनावों में अपनी स्थिति सुधारने की कोशिश में जुटे हैं. भाजपा भी सत्ता में तीसरी बार वापसी की कोशिशों में जुटी है. इस बीच भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने साफ संदेश दे दिया है कि दो या दो से ज्यादा बार राज्यसभा सांसद रहे चुके मंत्रियों और सांसदों को पार्टी फिर से राज्यसभा के सहारे संसद में नहीं भेजेगी. इसलिए अब इन मंत्रियों को अपने गृह राज्यों में लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए सीट ढूंढकर उस पर शुरू कर देनी चाहिए.
कई दिग्गज मंत्रियों ने तो अपने लिए सुरक्षित सीट ढूंढ कर उस पर तैयारियां भी शुरू कर दी हैं. वैसे तों विधानसभा से लेकर लोकसभा और राज्यसभा के उम्मीदवारों के नाम पर बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाती है. आलाकमान से चर्चा के बाद मंत्री लोकसभा सीट पर तैयारी में जी जान से लग गए हैं. ताकि चुनाव से पहले होने वाले आंतरिक सर्वे में जीतने वाले उम्मीदवारों का इस लिस्ट में इनका नाम आ सके.
दरअसल धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, मनसुख मंडाविया, परशोत्तम रूपाला, पीयूष गोयल और निर्मला सीतारमण दो या दो से ज्यादा बार राज्यसभा के सदस्य हैं. ऐसे में पार्टी के संकेत को पढ़कर इन्होंने अपनी भविष्य की चुनावी रणनीति का खाका तैयार करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही हरदीप सिंह पुरी और ज्योतिरादित्य सिंधिया भी 2024 में लोक सभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने को चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.
नकवी को इसी वजह से देना पड़ा था इस्तीफा
इससे पहले भी मुख्तार अब्बास नकवी को पार्टी ने मंत्री होने के बावजूद फिर से राज्यसभा में नहीं भेजा था, क्योकि वो दो बार राज्यसभा के सदस्य रह चुके हैं. ऐसे में किसी भी सदन का सदस्य नहीं होने के कारण नकवी को केंद्र सरकार से मंत्री पद इस्तीफा देना पड़ा था.
ओडिशा में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे धर्मेंद्र प्रधान
इसके अलावा धर्मेंद्र प्रधान को बीजेपी ने 2012 में पहली बार और 2018 में दूसरी बार राज्यसभा भेजा था. उनका दूसरा कार्यकाल अप्रैल 2024 में खत्म हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अब धर्मेंद प्रधान अपने गृह राज्य ओडिशा की ढेंकानाल लोकसभा सीट से 2024 में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. हाल ही में प्रधान स्वयं सार्वजनिक तौर पर चुनाव लड़ने की इच्छा भी जता चुके हैं.
भूपेंद्र यादव को ढूंढनी होगी अपनी सियासी जमीन
इसके अलावा मोदी सरकार के एक और कद्दावर मंत्री भूपेंद्र यादव को बीजेपी पहले ही दो बार राज्यसभा में भेज चुकी है. भूपेन्द्र यादव अप्रैल 2018 में दूसरी बार राज्यसभा के सदस्य बने थे और उनका कार्यकाल भी मार्च 2024 में ही खत्म हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, भूपेंद्र यादव राजस्थान की अजमेर या हरियाणा की भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
केंद्रीय मंत्री पुरसोत्तम रूपाला का बतौर राज्यसभा सांसद तीसरा टर्म चल रहा है. रूपाला का भी राज्यसभा का तीसरा टर्म भी मार्च 2024 में ही खत्म हो रहा है. सूत्रों के मुताबिक, गुजरात के दिग्गज नेता कहे जाने वाले रूपाला अगर लोकसभा के जरिए संसद में आना चाहते हैं तो अपने गृह राज्य गुजरात की ही अमरेली या राजकोट सीट से चुनावी संभावनाएं तलाश सकते हैं.
इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया भी अपने लिए सुरक्षित और मजबूत लोकसभा सीट की तलाश में हैं. मंडाविया का भी राज्यसभा का दूसरा टर्म मार्च, 2024 में खत्म होगा. सूत्रों के मुताबिक, मंडाविया के लिए लोकसभा की चुनावी संभावनाएं गुजरात के भावनगर लोकसभा सीट से बन सकती हैं. हालांकि गुजरात के राजनीतिक समीकरण के हिसाब से उनके लिए पोरबंदर लोकसभा सीट भी सेफ सीट हो सकती है.
निर्मला सीतारमण भी लड़ सकती हैं तमिलनाडु से चुनाव
साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी अपने लिए सेफ सीट तलाशनी होगी. वो पहली बार 2014, दूसरी बार 2016 और तीसरी बार 2022 में राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुई थीं. हालांकि उनका 2014 का पहला टर्म दो साल का ही था. वैसे तो निर्मला सीतारमण का मौजूदा कार्यकाल जून 2028 में खत्म होगा पर पार्टी आलाकमान के संकेत और तमिलनाडु में पार्टी के विस्तार की उम्मीदों के मद्देनजर सीतारमण अपने गृह राज्य तमिलनाडु में ही अपने लिए सेफ सीट तलाश सकती हैं. हाल के दिनों में उनकी राज्य में सक्रियता भी बढ़ी है. अभी कुछ महीने पहले ही केंद्रीय वित्त मंत्री चेन्नई के स्थानीय बाजार में सब्जी खरीदती और लोकल लोगों से बातचीत करती हुई नजर आई थीं.