भाजपा विधायक सौरभ सिंह ने लगाई RTI…आईडी और ईडी से पूछा.. 2018 से 2022 तक कितने प्रदेश के अधिकारियों को नोटिस तामिल हुई
(शशि कोन्हेर) : अकलतरा से बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय में सूचना के अधिकार के तहत आवेदन दिया है।विधायक सौरभ सिंह ने दोनों ही विभागों से जानकारी माँगी है कि, 1 दिसंबर 2018 से 24 सितंबर 2022 तक छत्तीसगढ़ राज्य के कितने अधिकारियों को नोटिस तामील की गई है।विधायक सौरभ सिंह ने नोटिस की छायाप्रति और सूची माँगी है।
क्या लिखा है आवेदन में अकलतरा विधायक सौरभ सिंह के दो आवेदन हैं।पहला आवेदन प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त को प्रेषित है जिसमें यह जानकारी माँगी गई है कि, 1 दिसंबर 2018 से 24 सितंबर 2022 तक छत्तीसगढ़ राज्य के IAS अधिकारियों को तामील नोटिस की सूची और नोटिस की छायाप्रति माँगी गई है।
MLA सौरभ सिंह ने सूचना के अधिकार के तहत दूसरा आवेदन प्रवर्तन निदेशालय में लगाया है।इस आवेदन में यह जानकारी माँगी गई है कि,छत्तीसगढ़ राज्य के कितने IAS और प्रशासनिक अधिकारियों को PMLA के तहत नोटिस जारी की गई है। प्रवर्तन निदेशालय को भेजे सूचना के अधिकार अधिनियम आवेदन में भी सूची और नोटिस की छायाप्रति माँगी गई है।
क्या है PMLA यह अधिनियम धन-शोधन की रोकथाम के लिए है और अवैध रूप से कमाई गयी सम्पत्ति (धन) को ज़ब्त करने का अधिकार देता है, जो धन-शोधन या इससे जुड़ी गतिविधियों से अर्जित की गयी हो।इसका विस्तृत नाम है Prevention of Money Laundering Act, 2002 ।
इस एक्ट में अब तक तीन बार 2005,2009 और 2012 में संशोधन किए गए हैं।पहले धन शोधन एक स्वतंत्र अपराध की श्रेणी में नहीं आता था,और यह किसी अन्य अपराध पर निर्भर करता था,जिसे ‘पूर्वगामी अपराध’ या ‘अनुसूचित अपराध’ के रूप में जाना जाता है। इस प्रकार के अपराधों में आय को धन शोधन के अपराध का विषय बनाया जाता है।
अब यह उन संपत्तियों को भी आपराधिक प्रक्रिया के क्षेत्र के अंतर्गत मानता है जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अनुसूचित अपराध (Scheduled Offence) से संबंधित गतिविधियों से प्राप्त की गयी।PMLA के अधीन सभी अपराध संज्ञेय और गैर जमानती होते हैं।जिससे ED को कुछ शर्तों के अधीन बिना किसी वारंट के अभियुक्त को गिरफ़्तार करने का अधिकार हासिल है।
क्या कहा MLA सौरभ सिंह ने प्रदेश में आयकर विभाग के छापों को राजनैतिक रुप से जोड़ा जाता रहा है।भूपेश सरकार के क़रीबियों के यहाँ आयकर विभाग के दो बार छापे पड़े हैं। नान घोटाले मामलों में ईडी की याचिका पर कल सुनवाई है।खबरें आती रही हैं कि, ईडी तक कार्यवाही के लिए कई साक्ष्य आयकर विभाग ने दोनों छापों के बाद सौंपे हैं।
खबरें यह भी आती रही हैं कि कई लोगों को आयकर विभाग की नोटिस पहुँची है। जिसमें उनसे रक़म के लेनदेन को लेकर और कथित निवेश को लेकर स्त्रोत पूछे गए हैं। लेकिन यह केवल ऐसी खबरें रहीं हैं जिनकी पुष्टि नहीं हुई। विधायक सौरभ सिंह ने कहा
“ प्रदेश में आयकर विभाग के छापे पड़े, ये छापे सत्ता प्रमुख भूपेश बघेल के बेहद क़रीबियों के यहाँ पड़े। इन छापों को लेकर यह खबरें आईं कि, प्रशासनिक अधिकारी,IAS अधिकारियों के बेहद बड़े लेनदेन बड़े निवेश के मामले भी सामने आए हैं।खबरें हैं कि, कईयों को नोटिस आई है, हम ने इसी की जानकारी माँगी है।”