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बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब बने प्रोटेम स्पीकर,लोकसभा अध्यक्ष का कराएंगे चुनाव..

बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब 18वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर होंगे. भर्तृहरि महताब ही नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाएंगे. बता दें कि महताब ओडिशा के कटक से 57077 वोटों से चुनाव जीते थे. उन्होंने बीजेडी के संतरूप मिश्रा को हराया था.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 95(1) के तहत कटक से भाजपा सदस्य भर्तृहरि महताब को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है. वे लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी के कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे. बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले भर्तृहरि महताब बीजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि 7 बार सांसद रह चुके भर्तृहरि महताब को लोकसभा का अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. 18वीं लोकसभा के नवनिर्वाचित सदस्य प्रोटेम स्पीकर के समक्ष शपथ लेंगे. अध्यक्षों के एक पैनल द्वारा उनकी सहायता की जाएगी.

इस पैनल में कांग्रेस नेता के सुरेश, डीएमके नेता टी आर बालू, भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते और टीएमसी नेता सुदीप बंद्योपाध्याय शामिल होंगे. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होगा. नवनिर्वाचित सदस्य 24-25 जून को शपथ लेंगे. जबकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है.

बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विरोध करते हुए कहा कि परंपरा के अनुसार सबसे ज़्यादा कार्यकाल पूरा करने वाले सांसद को पहले 2 दिनों के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया जाता है, जब सभी नवनिर्वाचित सांसदों को शपथ दिलाई जाती है.

उन्होंने कहा कि 18वीं लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद कोडिकुन्निल सुरेश (कांग्रेस) और वीरेंद्र कुमार (भाजपा) हैं, जो अब अपना 8वां कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. इसके बाद वाले अब केंद्रीय मंत्री हैं और इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि कोडिकुन्निल सुरेश प्रोटेम स्पीकर होंगे. इसके बजाय 7 बार सांसद रह चुके भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है. वे 6 बार बीजेडी सांसद रहे और अब भाजपा सांसद हैं

प्रोटेम स्पीकर को लोकसभा का पीठासीन अधिकारी भी कहा जा सकता है. प्रोटेम स्पीकर को रोजमर्रा की कार्यवाही करवानी होती है. भतृहरि महताब नए अध्यक्ष के चुनाव तक सारी जिम्मेदारियां निभाएंगे. यहां तक कि नए सदस्यों को शपथ भी दिलाएंगे. हालांकि प्रोटेम एक अस्थाई ओहदा है. वह तब तक काम करेंगे, जब तक कि सदन का नया अध्यक्ष न चुन लिया जाए. बता दें कि स्पीकर का चुनाव बहुमत से होता है

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