(शशि कोन्हेर) : भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में चल रही परिवर्तन यात्राओं के समापन का वक्त आ गया है। चारों दिशाओं में चल रही परिवर्तन यात्राओं का समापन बिलासपुर में होना चाहिए हुआ है। इन यात्राओं को भाजपा के द्वारा अत्यधिक सफल बताया जा रहा है।
और यह दावा किया जा रहा है कि परिवर्तन यात्राओं में उमड़ी भीड़, प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने का साफ संकेत दे रही है। इसके विपरीत जमीनी सच्चाई शायद कुछ और है। भाजपा में आमूल चूल बदलाव की उम्मीद से अब उसका अपना कैडर (कार्यकर्ता) ही नाउम्मीद हो चुका है। जिन लोगों का प्रभाव कम करने के लिए श्री अरुण साव को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
उन सभी लोगों ने मिलजुल कर अरुण साव को ही अपन प्रभाव में ले लिया है। जबकि पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी की छत्तीसगढ़ इकाई में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव चाहता है। बिना इसके आगामी चुनाव के लिहाज से भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह की लहर तो दूर हलचल भी पैदा नहीं होगी।
जहां तक पार्टी के आयोजनों की बात है। भारतीय जनता पार्टी के तमाम आयोजनों में उसका अपना कार्यकर्ता ही शामिल हो रहा है। और वह भी बेमन से। आम जनता का कहीं कोई सैलाब सा नजर नहीं आ रहा है। भाजपा के द्वारा चलाई जा रही मुहिम को लेकर उसके अपने कार्यकर्ता ही यह कहते मिल रहे हैं कि पहले भाजपा अपने आप में परिवर्तन लाए… उसके बाद ही छत्तीसगढ़ में परिवर्तन का माहौल बनाने का सपना देखे।