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दिल्ली के मेयर चुनाव में भाजपा को लगेगा झटका सुप्रीम कोर्ट ने मनोनीत सदस्य नहीं कर सकते वोट

(शशि कोन्हेर) : दिल्ली के मेयर चुनाव के मसले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने का फैसला लिया है। साफ है कि तब तक मेयर के चुनाव नहीं कराए जा सकते। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी भी की है, जिसे भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है। उच्चतम न्यायालय की बेंच ने कहा कि नामित सदस्य मेयर के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते।

अदालत ने कहा कि इस संबंध में कानून एकदम स्पष्ट है और उसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता। पहले गुरुवार को मेयर चुनाव के लिए मतदान होना था, लेकिन एलजी और अन्य लोगों ने जब इसे टालने पर सहमति जताई तो सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई करने की बात कही।

इस दौरान आम आदमी पार्टी के वकीलों ने कहा कि मेयर चुनाव में नामित सदस्यों को वोट नहीं करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून एकदम स्पष्ट है कि नामित सदस्यों को वोट करने का अधिकार नहीं है।

आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच मेयर चुनाव को लेकर तनातनी का दौर जारी है और कई बार इलेक्शन को टाला जा चुका है। इससे पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी से 16 फरवरी को चुनाव कराने को कहा था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया था। हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही चुनाव हो सकेगा।

बता दें कि इससे पहले 6 जनवरी और 24 जनवरी को भी पार्षदों की मीटिंग बुलाई गई थी, लेकिन मेयर चुनाव के लिए मतदान नहीं हो सका। इसकी वजह यह थी कि एलजी की ओर से नामित किए गए 10 सदस्यों को वोट करने की परमिशन के आम आदमी पार्टी खिलाफ थी। वहीं भाजपा इन पार्षदों के समर्थन में थी। एलजी की ओर से इन नामित सदस्यों को वोटिंग करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से संकेत मिले हैं कि वह अपने फैसले में भी नामित सदस्यों को वोटिंग से दूर रखने की बात कह सकता है। ऐसा हुआ तो यह भाजपा के लिए झटके जैसा होगा।

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