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कांग्रेस को “टाटा-गुड बाई” कहने वाले सुनील जाखड़ का भाजपा करेगी “वेलकम”..!

(शशि कोन्हेर) : पंजाब और दिल्ली के बीच घट रही सियासी गतिविधियों से इस आशय के संकेत मिल रहे हैं। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष सुनील  जाखड़ कांग्रेस को गुडबाय कहने के बाद अब, भाजपा में शामिल हो सकते हैं।  

दरअसल, जिस दिन कांग्रेस राजस्थान में मंथन में जुटी हुई थी और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पंजाब में मजबूती के लिए भाजपा की जड़ों को सींच रहे थे, उसी दिन दिग्गज नेता सुनील जाखड़ ने कांग्रेस से नाता तोड़ने का एलान कर दिया। चर्चा है कि यह इत्तेफाक ही है या फिर बड़ी सोच समझ कर जाखड़ ने यह दिन चुना? मानने वाले इस टाइमिंग को एक संकेत मान रहे हैं। संकेत यही कि जाखड़ अब भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

वैसे बेशक सुनील जाखड़ के पास वर्तमान में भले ही भाजपा और आम आदमी पार्टी के विकल्प खुले हुए हों लेकिन अब वह उसी पार्टी का झंडा उठा सकते हैं जिससे वह पिछले 50 वर्षों से लड़ते आ रहे हैंं, यानी भाजपा का। जाखड़ के करीबी सूत्र बताते हैं कि भाजपा के वरिष्ठ नेता उनके साथ संपर्क में हैं, लेकिन नई पारी की शुरूआत करने के लिए जाखड़ थोड़ा समय जरूर लेंगे।

सुनील जाखड़ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी अच्छे संबंध हैं। यह सिलसिला तब से है जब उनके पिता बलराम जाखड़ मध्यप्रदेश के राज्यपाल होते थे और उन्हें कुछ समय के लिए गुजरात के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई थी। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

करतारपुर कारीडोर खोले जाने के मौके पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आए थे तब भी उन्होंने जाखड़ के साथ बेहद गर्मजोशी से मुलाकात की थी और कहा था ‘दिल्ली आते हो तो मुझसे मिला करो।’ हालांकि उस दौरान जाखड़ ने कहा था कि उनके राजनीतिक और निजी रिश्ते दोनों अलग है। काबिले गौर है कि सुनील जाखड़ का कैप्टन अमरिंदर के बाद पंजाब का मुख्यमंत्री बनना तय था। लेकिन अंबिका सोनी ने इसी समय कांग्रेश आलाकमान को सलाह दी कि पंजाब में किसी हिंदू की बजाय सिख को ही मुख्यमंत्री पद की कमान देनी चाहिए। इसके बाद ही सुनील जाखड़ का पत्ता साफ हो गया। जिससे वे नाराज चल रहे थे।

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