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सिक्किम की बाढ़ में बहे सेना के 6 जवानों के मिले शव, 16 अभी भी लापता… सर्च ऑपरेशन जारी

सिक्किम के ल्होन्क झील के पास बादल फटने से मौतों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है, इनमें छह सैनिक भी शामिल हैं। इनके शव पश्चिम बंगाल में बरामद किए गए हैं। 16 सैनिक सहित 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं। उन्हें ढूंढने के लिए तलाशी अभियान तेज हो गया है। अबतक 2500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने गुरुवार को भी बुरी तरह प्रभावित सिंगतम इलाके का दौरा किया।

राहत कार्य के बीच सेना ने सिंगतम इलाके के पास बुरदंग से मलबे में दबे सेना के कई वाहनों को निकाला गया। सेना ने बताया कि लापता जवानों के परिवारों को घटना की जानकारी दे दी गई है। सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात जवान पूरी तरह से सुरक्षित हैं। नेटवर्क की दिक्कत के कारण वे अपने परिवार से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और लापता लोगों की तलाश के लिए वायुसेना ने मोर्चा संभाल लिया है। वायुसेना ने बताया कि लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एमाई हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार तीस्ता नदी का जलस्तर लगातार बारिश के कारण बढ़ रहा है। ऐसे में खतरा बरकरार है।


अधिकारियों ने जानकारी दी कि सेना के जवानों की तलाश जारी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि बाढ़ के तेज बहाव में सेना के सभी जवान निचले इलाकों में बह गए हों। इसे ध्यान में रखकर निचले इलाकों में सेना, पुलिस और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें तलाशी अभियान में जुटी हैं। रक्षा प्रवक्ता ले. कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि बीआरओ की मदद से राहत और बचाव कार्य जारी है। पीड़ितों की मदद के लिए 18 राहत कैंप चलाए जा रहे हैं।


बाढ़ से मनगान जिले में 11 ब्रिज, नामची और गैंगटोक में एक-एक ब्रिज बह गया है। इसी तरह पानी की पाइपलाइन भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। प्रारंभिक जांच के अनुसार चार प्रभावित जिलों में 277 से अधिक घर पूरी तरह ताबह हो गए हैं। चुंगतांग गांव बाढ़ से 80 फीसदी तक प्रभावित हुआ है। यहां का लाइफलाइन कहा जाने वाला एनएच-10 भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिला अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को स्थिति पर नजर रखने को कहा है।

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