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बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका, सेल्स टैक्स नोटिस के खिलाफ अपील खारिज

(शशि कोन्हेर) : बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को बॉम्बे हाईकोर्ट से झटका लगा है. कारण, हाईकोर्ट ने गुरुवार को महाराष्ट्र सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा पारित ऑर्डर को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. मामले को लेकर कोर्ट ने कहा, “याचिकाओं को सुनने के बाद याचिकाकर्ता के वकील को बताया जाता है कि उनके पास अपील करने के और भी विकल्प हैं. इसके लिए उन्हें 4 हफ्ते का समय दिया जाता है.

दरअसल, जस्टिस नितिन जामदार और अभय आहूजा की पीठ ने कहा कि अभिनेता के पास अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट के खिलाफ अपील दायर करने का वैकल्पिक उपाय था. लेकिन शर्मा द्वारा अभी तक वहां अपील दायर नहीं की गई है और वह सीधे हाईकोर्ट आ गई हैं. उन्हें पहले अपीलीय प्राधिकरण में अपील दायर करने चाहिए.

वहीं सेल्स डिपार्टमेंट ने हाईकोर्ट से याचिकाओं को खारिज करने और अभिनेत्री पर जुर्माना लगाने की मांग की, क्योंकि उनके पास एमवीएटी अधिनियम के तहत एक वैकल्पिक उपाय उपलब्ध था. हालांकि इसे कोर्ट ने नहीं माना.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि महाराष्ट्र सेल्स टैक्स विभाग ने महाराष्ट्र वैल्यू एडेड टैक्स (एमवीएटी) एक्ट के तहत अनुष्का शर्मा पर वर्ष 2012-13, 2013-14, 2014-15 और 2015-16 के लिए सेल्स टैक्स लगाया था. इसके लिए चार नोटिस जारी किए गए. जिनके खिलाफ अभिनेत्री ने इन नोटिसों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में चार याचिकाएं दायर की थीं.

इन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की पीठ ने कहा, “जब याचिकाकर्ता (शर्मा) के पास एक्ट के तहत अपील करने का दूसरा विकल्प मौजूद है तो हम याचिकाओं पर विचार क्यों करें. उनके पास वैधानिक प्रावधान उपलब्ध हैं.”

कोर्ट ने शर्मा की याचिकाओं का खारिज करते हुए उन्हें चार हफ्ते के भीतर डिप्टी सेल्स टैक्स कमिश्नर (अपील) के समक्ष अपील दायर करने का निर्देश दिया. दरअसल, एक्ट में नियम है कि जब कोई व्यक्ति यहां अपील दायर करता है तो उसे डिपार्टमेंट द्वारा लगाए गए टैक्स की कुल राशि का 10 प्रतिशत जमा करना होता है.

अनुष्का पर क्यों लगाया गया सेल्स टैक्स?

सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट का दावा है कि अनुष्का शर्मा किसी भी अवार्ड फंक्शन या स्टेज शो में अपने प्रफोर्मेंस पर “कॉपीराइट की पहली मालिक” हैं और इसलिए इनसे होने वाली कमाई के लिए वह सेल्स टैक्स जमा कराने के लिए उत्तरदायी हैं. विभाग ने कहा कि जैसा कि उन्होंने इस तरह के आयोजनों के आयोजकों से कॉपीराइट ‘हस्तांतरित’ करने के लिए फीस चार्ज की, इससे यह बिक्री के तौर पर देखा जाता है. इसके लिए उन्हें इस तरह से होने वाली कुल कमाई पर सेल्स टैक्स जमा कराना होगा.

वहीं अभिनेत्री का तर्क है कि एक अभिनेता जो एक फिल्म, विज्ञापन या एक मंच/टीवी शो में पर्फोर्म करता है तो उसे निर्माता नहीं कहा जा सकता है, और इसलिए वह अभिनेता या अभिनेत्री उस कार्यक्रम पर कॉपीराइट नहीं रखता है. उनका साफ कहना है कि इन कार्यक्रमों में उन्होंने सिर्फ और सिर्फ बतौर कलाकार परफॉर्म किया था. अनुष्का ने अपनी याचिका में इस बात पर भी जोर दिया कि वीडियो का कॉपीराइट हमेशा निर्माता के पास रहता है, वहीं उसका असल मालिक होता है, उन मामलों में कलाकार का कोई रोल नहीं रहता.

शर्मा की ओर से पेश अधिवक्ता दीपक बापट ने तर्क दिया कि मूल्यांकन अधिकारी (एओ) ने गलत तरीके से अवार्ड फंक्शन में विज्ञापन और एंकरिंग के लिए प्राप्त रुपये पर सेल्स टैक्स लगाया है. उन्होंने तर्क दिया कि सेल्स टैक्स अधिकारी ने गलत तरीके से यह माना कि एंकरिंग और अवार्ड फंक्शन्स के माध्यम से उन्होंने कॉपीराइट हासिल किया, जो कि अमूर्त प्रकृति (Intangible Nature) की वस्तु है और फिर उसे बेच दिया या स्थानांतरित कर दिया.

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