(दिलीप जगवानी) : बिलासपुर – शहर के चार लेखकों की प्रकाशित पुस्तकों का एक समारोह मे विमोचन हुआ. छंद शाला के इस आयोजन में शामिल हुए भाषा विद डॉक्टर चितरंजन कर और वरिष्ठ साहित्यकार बलदाऊ राम साहू ने लेखकीय कर्म की निरंतरता बनाये रखने कहा.
शहर के वरिष्ठ और नए साहित्यकार लेखक और कवियों के अलावा सुधी पाठक और पारिवारिक सदस्यों के स्नेह और अपनेपन से समारोह खूबसूरत बन पड़ा. छंद शाला के आग्रह पर छत्तीसगढ़ के भाषा विद डॉक्टर चितरंजन कर और वरिष्ठ साहित्यकार बलदाऊ राम साहू समारोह में शामिल हुए और चारों लेखकों के साथ उनकी पुस्तकों का विमोचन किया.
विचारों का आदान प्रदान रचना संसार का अनवरत सिलसिला है इससे समाज को देने का भाव साहित्यकार का गुण है. इन शब्दों के साथ अतिथियों ने प्रकाशित पुस्तकों के विषय सामाग्री पर अपने विचार रखे. छंद शाला की संयोजिका और साहित्यकार डाॅ सुनीता मिश्रा ने अपने नए गीत संग्रह भोर सुहानी आएगी ।
पर कहा आशा और विश्वास का साथ कभी नही छूटता हमारे आसपास रिश्तों के अलावा महसूस करने बहुत कुछ है इसे ही किताब की शक्ल दी है. सुषमा पाठक भी शहर की जानी पहचानी लेखक कवयित्री है, उन्होंने साहित्य से कुसुमित दोहे रचे है.
कुछ खोने और बदले मे समय अनुकूल बदलाव को अंगीकार कर लेखक शैलेन्द्र गुप्ता ने कहां गवां गय गाँव लिखा है वो कह्ते है पीड़ा और सुखद अनुभूति का इसमें अह्सास है.
समारोह मे विमोचित कामना पांडेय का कुंडलिया संग्रह साहित्य क्षेत्र मे नवीन प्रयास है.
बधाई शुभकामनायें देकर लेखकों का मनोबल ऊंचा किया और लेखन के प्रति सभी ने एक दूसरे को प्रोत्साहित करने धन्यवाद भी दिया. कथा कहानियों भाषा और कविता के माहौल मे कार्यक्रम रविवार देर शाम तक चला.