(शशि कोन्हेर के साथ प्रदीप भोई) : बुधवार की शाम को सिम्स अस्पताल मे अक्सीजन की कमी से 19 वर्षीय बालिका की मौत हो गई है शहर का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल सिम्स की कार्यप्रणाली एक बार फिर सुर्ख़ियों में आई है आज इलाज कराने छोटी कोनी से सिम्स पहुंची रानू सोनवानी के इलाज के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई है ।
रानू के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि.. लगातार डॉक्टरों से मिन्नतों के बाद भी ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं है कह कर रानू को मरने के लिए छोड़ दिया गया।
इतना ही नहीं जब रानू की स्थिति बिगड़ी तो डॉक्टरों को इमरजेंसी के लिए बुलाया गया लेकिन डॉक्टर नहीं आए और वार्ड में ड्यूटी कर रहे नर्सों से जब परिजनों ने बड़े डॉक्टरों को बुलाने की बात कही तो उन्होंने कहा कि हमारे बुलाने से डॉक्टर यहां नहीं आते हैं ।
और हॉस्पिटल में ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं है.. एक बार फिर सिम्स अस्पताल के डॉक्टरों की कारगुजारीयों के चलते एक 19 साल की बच्ची को जान गंवानी पड़ी है मामले की जानकारी के लिए हमारे द्वारा सिम्स अधीक्षक से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने भी फोन रिसीव नहीं किया और जब वार्ड ड्यूटी में लगे डॉक्टरों से संपर्क साधने की कोशिश की तो पता चला कि डॉक्टर मौके पर मौजूद ही नहीं है।
ऐसे में उम्मीद लगाई जा सकती है कि किस तरह सिम्स के डॉक्टर मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं और प्रबंधन इस ओर कड़ाई न करके सिम्स अस्पताल को मौत का अस्पताल बना रहा है।