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कार, ऑटो और बाइक, दिल्ली में बैन हो गईं 54 लाख गाड़ियां, किया जा रहा जब्त….बचने का तरीका


(शशि कोन्हेर) : उम्र पूरी कर चुके लाखों वाहनों को दिल्ली में बैन कर दिया गया है। 27 मार्च तक दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 54 लाख से अधिक वाहनों का डीरजिस्ट्रेशन (पंजीकरण समाप्त) कर दिया है। जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया है उनमें ऑटो रिक्शा, कैब और दो पहिया वाहन तक शामिल हैं, जिनमें से कुछ का रजिस्ट्रेशन तो दशकों पहले हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, राजधानी में पेट्रोल और डीजल के 10 और 15 साल पुराने वाहनों के चलाने पर प्रतिबंध है।

‘समयसीमा पूरी चुके वाहनों के मालिकों से अपील है कि वे नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) हासिल करें और इन्हें ऐसे राज्यों में बेच दें जहां इन्हें चलाया जा सकता है। यदि ऐसे वाहनों को शहर में सड़क पर चलते हुए या कहीं सड़क किनारे पार्क पाया जाता है तो इन्हें जब्त किया जा सकता है और स्क्रैप के लिए भेज दिया जाएगा।’


2014 में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने 15 साल पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर पार्क करने पर बैन लगा दिया था। इसके बाद 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राजधानी दिल्ली में 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने डीजल वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं होगी।


इसके लिए वाहन मालिकों को रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आरटीओ) जाना होगा और तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसमें पहला कदम आरटीओ के नाम आवेदन लिखना और वाहन के डीरजिस्ट्रेशन की अपील करना है। आवेदन स्वीकार कर लिए जाने के बाद वाहन यात्रा के लिए वैध नहीं रह जाता है और इसे डीरजिस्टर्ड कहा जाता है। इसके बाद ऐसे वाहनों की स्क्रैपिंग की जाती है।


सरकार की ओर से अधिकृत स्क्रैप डीलर से आप वाहन की स्क्रैपिंग करा सकते हैं। स्क्रैपिंग का तात्पर्य रीसाइक्लिंग के उद्देश्य से वाहन को नष्ट करना है। स्क्रैपिंग से पहले, डीलर कार की चेसिस नंबर प्लेट को हटा देगा और इसे मालिक को सौंप देगा। इसके बाद दोनों पक्ष वाहन की स्थिति और उसके भागों की गुणवत्ता के आधार पर मूल्य तय करते हैं। स्क्रैपिंग के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र की एक कॉपी देनी होगी। डीलर के आधिकारिक लेटरहेड पर स्क्रैपिंग की रसीद प्राप्त करना नहीं भूलना चाहिए। इसके बाद उन्हें आरटीओ में वापस जाना होगा।

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