राजनांदगांव

संजीव जैन आत्महत्या मामला, दो आरोपी पुलिस की गिरफ्त में…..

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(उदय मिश्रा) : राजनांदगांव – बहुचर्चित संजीव जैन आत्महत्या काण्ड में अंतर्राज्जीय ठग गिरोह का पर्दाफाश महिला द्वारा फोन द्वारा दोस्ती कर प्रेमजाल में फंसा कर रचि साजिश ब्लेकमेल कर खाते में डलवाये करीबन पौने दो करोड़ रूपये, साजिश में महिला के साथ उसका पति एवं देवर भी शामिल था। सभी ने अलग-अलग किरदार बनकर ठगी की घटना को दिया अंजाम।

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हीरामोती लाईन निवासी संजीव जैन पिता सुरेशचंद जैन उम्र 56 वर्ष द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली गई थी। जिसमें थाना बसंतपुर में मर्ग कमांक 48/21 धारा 174 जा.फौ, कायम कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान मृतक के शव के पास 05 सीलबंद लिफाफा मिला । जिसे मृतक के भाई विनय कुमार जैन द्वारा खोल कर पढ़ कर पुलिस को सुपुर्द किया गया। उक्त सुसाईड नोट में मृतक को यूनियन बैंक के निखिल जैन एवं फैडरल बैंक के आशीष एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा 1.75 करोड़ रूपये लोन दिलाने के नाम पर अलग-अलग समय में लिया गया किन्तु मृतक को ना ही लोन मिला और न ही उनका दिया हुआ पैसा मिला, पैसा मांगने पर उनके द्वारा मृतक को जान से मारने धमकी दी जाती थी। रायपुर निवासी मानसी यादव के द्वारा मेरठ में पढ़ाई करने के नाम पर मृतक से लाखों रूपये लिये गये थे। जिसके द्वारा भी मृतक को लगातार गानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था जिससे हताश एवं परेशान होकर कूआ चौक नंदई स्थित अपने पुराने मकान में फांसी लगा लिया । प्रथम दृष्टिया मामला आत्महत्या के लिए उकसाये जाने पर थाना पसंतपुर में अपराध क्रमांक 342/2021 धारा 306, 34 भा.द.वि. कायम कर विवेचना में लिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव डी.श्रवण के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम एवं नगर पुलिस अधीक्षक लोकेश देवांगन के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी बसंतपुर के नेतृत्व में तत्काल टीम गठित कर मामले की सूक्ष्म से सूक्ष्म बिन्दुओं की जांच की गई। मृतक के बैंक खाते का बारिकी से अध्ययन किया गया एवं सुसाईड नोट में उल्लेख सभी व्यक्तियो एवं गोबाईल नम्बरों के बारे में पता लगाया गया। मृतक द्वारा सर्वाधिक राशि करीबन 01 करोड़ 77 लाख रूपये मानसी यादव के बैंक खाते में डाला गया था, अतः पुलिस टीम द्वारा मानसी यादव की सरगर्मी से तलाश की जा रही थी. मानसी का पता अपूर्ण होने से एवं अलग-अलग जगह पता बदल कर रहने से पुलिस को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। पुलिस की अलग अलग टीम रायपुर. दिल्ली, मेरठ (उ.प्र.), भेजी गई बैंक खाते में दिये पते पर भी मानसी सालों से नहीं रह रही थी सभी जगह पुलिस ने अपने मुखबीर लगा कर रखे थे पुलिस टीम को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि डंगनिया रायपुर स्थित मानसी यादव की बहन मधु यादव के घर में मानसी यादव सालों बाद तीजा मनाने आयी है। सूचना पर तत्काल टीम द्वारा घेराबंदी कर मानसी यादव को पकड़ा गया। मानसी यादव से पूछताछ पर अपने मेमोरण्डम कथन में बताई
कि करीबन 08 वर्ष पूर्व फोन के रांग नम्बर लगने से मृतक संजीव जैन से उसकी जान पहचान हुई बातचीत के दौरान जब मानसी को पता चला कि मृतक अत्यधिक पैसे वाला है तब उसने मृतक को अपने प्रेम जाल में फसाया। इस दौरान कई बार वो (ससुराल) एवं रायपुर (मायके) से राजनांदगांव आयी व कई बार मानसी ने मृतक को अपने निवास रायपुर व मेरठ बुलाया इस दौरान इनके बीच अनेकों बार शारीरिक संबंध बना मृतक द्वारा मानसी को लगातार फर्जी पढ़ाई के नाम पर , नौकरी लगने के नाम पर व मकान खरीदने के नाम पर रकम दिया जाता था। मृतक द्वारा पैसा वापस मांगने पर मानसी द्वारा बैंक से लोन लेकर रकम वापस करने की बात कह कर अपने पति ललित सिंह को मोहित शर्मा व अपने देवर कौशल सिंह को निखिल जैन, आशीष बनाकर मृतक से बात कराया गया । इस प्रकार आरोपीगणों द्वारा संजीव जैन को प्रेमजाल में फांस कर पहले इमोशनल ब्लैकमेल कर, मानसी को नौकरी लगवाने के नाम पर, फिर बैंक मैनेजर बनकर लगभग 02 करोड़ रूपये ठग लिए। मानसी के अलावा उसको पति ललित सिंह को भी पुलिस टीम द्वारा गिरसतार कर लिया गया है। शेष आरोपियों को सरगर्मी से तलाश किया जा रहा है एवं मृतक सँजीव जैन के आत्महत्या में स्थानीय संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। शेष आरोपियों को भी जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा।

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बाईट – प्रज्ञा मेश्राम (अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, राजनांदगांव)

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