समान नागरिक संहिता पर एक कदम और आगे बढ़ी केंद्र सरकार, ग्रुप ऑफ मिनिस्टर हुआ गठित
(शशि कोन्हेर) : समान नागरिक संहिता को केंद्र सरकार एक और कदम आगे बढ़ गई है। मोदी सरकार ने इस मामले में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स का गठन किया है। इस ग्रुप में चार मंत्रियों को अहम जिम्मेदारी दी गई जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू करेंगे। जीओएम में उनके अलावा अर्जुन मेघवाल, स्मृति ईरानी और जी किशन रेड्डी को भी शामिल किया गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इसी मानसून सत्र में इस बिल को संसद में लेकर आ सकती है। संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो रहा है।
जीओएम में शामिल मंत्रियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है। समान नागरिक संहिता को लेकर आदिवासी मामलों से जुड़े मामले पर किरण रिरिजू, पूर्वोत्तर राज्यों से जुड़े मुद्दों पर जी किशन रेड्डी, महिला अधिकारों से जुड़े मामलों पर स्मृति ईरानी और कानूनी पहलुओं पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विचार करेंगे। बता दें कि यूसीसी को लेकर पिछले दिनों उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी।
उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार है। इसे जल्द ही ड्राफ्टिंग कमेटी सरकार को सौंपेगी। इस बात को लेकर चर्चा की जा रही है कि यूसीसी का जो टेंपलेट उत्तराखंड में लागू होगा, वही देश में लागू होगा। पीएम नरेंद्र मोदी से मीटिंग के बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसके सिग्नल भी दिए थे। तब उन्होंने बयान दिया कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने में देरी नहीं करेंगे, लेकिन इसकी कोई हड़बड़ी भी नहीं है।
समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तराखंड के ड्राफ्ट की कुछ बातें सामने आने के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसका विरोध किया है। इसे लेकर एक बैठक आयोजित की गई। इसमें कहा गया कि मुस्लिम समाज एकजुट होकर UCC का विरोध करेगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दावा है कि यूसीसी के प्रावधान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और शरीयत के कानून के तहत नहीं है। इस वजह से यूसीसी का विरोध जायज है।