दिल्ली दंगे में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद सहित 11 आरोपियों पर तय हुए आरोप- भीड़ को उकसा रहा था ताहिर…हिंदू थे निशाने पर
(शशि कोन्हेर) : फरवरी 2020 में उत्तरपूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने 11 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए हैं। इनमें आदमी पार्टी (आप) के पूर्व पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन भी शामिल हैं। अडिशनल सेशन जज (ASJ) पुलस्त्य प्रमाचल ने सभी 11 आरोपियों को आईपीसी की धारा 120B, 147, 148, 153A, 302 के तहत ट्रायल चलाने योग्य माना।
फरवरी 2020 में पुलिस ने शर्मा के पिता की शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज की थी, जिन्होंने कहा था कि उनका बेटा 25 फरवरी से लापता है और अगले दिन पुलिस को शिकायत दी। बाद में उनके बेटे का शव चांद बाग पुलिया के पास नाले में मिला। उन्होंने आशंका जताई थी कि उनके बेटे का कत्ल ‘ताहिर हुसैन और उसके गुंडों’ ने किया।
गवाहों के बयानों को दर्ज करने के बाद कोर्ट ने कहा, ‘यह काफी स्पष्ट है कि यह भीड़ हिंदुओं और उनके घरों पर लगातार गोलीबारी कर रही थी,पत्थर और पेट्रोल बम फेंके जा रहे थे। भीड़ का यह काम उनके उद्देश्य को साफ करता है कि वह हिंदुओं और उनकी संपत्ति को अधिकतम नुकसान पहुंचाना चाहते थे। यह भी साफ है कि यह भीड़ हिंदुओं की हत्या तक करना चाहते थे।’
कोर्ट के मुताबिक सबूत बताते हैं कि ताहिर के घर के पास कई लोग जुटे थे, जिनके पास फायरिंग वाले हथियार और पेट्रोल बम थे। कोर्ट ने यह भी माना कि ताहिर हुसैन लगातार भीड़ का नेतृत्व कर रहा था और भीड़ को उकसा रहा था। ताहिर हुसैन की ओर से यह तर्क दिया गया कि दंगा और साजिश पहले से थी इसलिए उसके लिए सिर्फ यह कहा जा सकता है कि साजिश में शामिल हो गया, लेकिन अंकित शर्मा की हत्या में साजिशकर्ता नहीं था।
इसके जवाब में कोर्ट ने कहा, ‘अंकित शर्मा की हत्या में जरूरी नहीं कि सबने प्रत्यक्ष काम ही किया हो। सबूतों के मुताबिक, भीड़ हिंदुओं और उनकी संपत्ति पर हमले के लिए सोची-समझी साजिश के तहत काम कर रही थी। ताहिर हुसैन ने हिंदुओं को मारने के लिए भड़काया और इस भीड़ को हिंदुओं को न बख्शने को कहा।
उसने अंकित के सामने आने पर भीड़ को उसे मारने के लिए उकसाया। साजिश विशेष रूप से अंकित को मारने के लिए ही नहीं थी। जब आरोपी व्यक्ति हिंदुओं को मारने की साजिश और सामान्य उद्देश्य के तहत काम कर रहे थे, तो इसमें अंकित की हत्या भी शामिल थी क्योंकि अंकित की हत्या हिंदू होने के कारण की गई थी।’
इस प्रकार दिल्ली कड़कड़डूमा कोर्ट ने सभी सबूतों और बयानों को देखने के बाद आरोपी व्यक्तियों मो. ताहिर हुसैन, हसीन, सलमान, नाजिम, कासिम, समीर खान, अनस, फिरोज, जावेद, गुलफाम, शोएब आलम और मुंतजिम धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 147 (दंगा), 148 (हथियार से लैस होकर जानलेवा हमला), 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 153ए (धर्म, नस्ल आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 302 (हत्या) और 365 (अपहरण) का जिम्मेदार बताया। कोर्ट ने आगे ताहिर हुसैन को धारा 109 (उकसाना), 114 (अपराध होने पर उकसाने वाला मौजूद) के तहत जिम्मेदार ठहराया।