(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य बनने के 23 साल बाद भी पीडब्ल्यूडी पीएचसी और निगम की दर्जनों गाड़ियों में CG-10 की जगह MP-2 ही चल रहा है। इस खबर के साथ दिया गया ट्रैक्टर लोक निर्माण विभाग का है। इसमें भोजन को व्यर्थ फेंकने को गलत बताते हुए उसके खिलाफ संदेश दिया गया है…उतना लो थाली में व्यर्थ ना जाए नाली में..!
क्या बिलासपुर में आरटीओ के अफसर और कारिंदे केवल सड़कों पर खड़े होकर ऑन रोड चलने वाली निजी गाड़ियों से वसूली को ही अपना अधिकार और कर्तव्य मानते हैं। कभी उन्होंने झांक कर भी यह देखा है क्या कि नगर निगम लोक निर्माण विभाग और पीएचई समेत सरकारी विभागों की गाड़ियों के नंबर और फिटनेस तथा इंश्योरेंस आदि का क्या हाल-चाल है।
बाकी बात तो दूर अभी इन तीनों बदनामशुदा विभागों ने अभी तक MP (मध्य प्रदेश) की जगह CG (छतीसगढ़) का नंबर लेने की जहमत तक नहीं उठाई। मतलब यह सारी गाड़ियां अलग राज्य बनने के बाद इस सारी गाड़ियां छत्तीसगढ़ की और उनके नंबर मध्य प्रदेश के। ऐसा भौसा कारोबार बंद होना चाहिए।
उम्मीद की जानी चाहिए कि पीडब्ल्यूडी नगर निगम पीएचई और कृषि विभाग समेत सभी सरकारी विभाग के ताहुतदार इस ओर ध्यान देकर कम से कम 23 साल बाद अपनी गाड़ियों पर छत्तीसगढ़ का नंबर दर्ज कराने की पहल करेंगे।