छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में हुए शामिल

(शशि कोन्हेर) : जीपीएम। जिला प्रशासन के सहयोग से श्रीकांत वर्मा पीठ बिलासपुर द्वारा मूर्धन्य साहित्यकार  स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे की 152वीं जयंती के अवसर पर व्याख्यान और विचार संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। स्वर्गीय पंडित माधवराव सप्रे स्मृति महोत्सव में रांची (झारखंड) से आए साहित्यकार श्री रविभूषण, श्री दिवाकर मुक्तिबोध रायपुर, श्री सुदीप ठाकुर नई दिल्ली, श्री अच्युतानंद मिश्र कोच्ची (केरल) और विश्वेश ठाकरे रायपुर, श्री वेदचंद जैन, श्री अक्षय नामदेव, श्री अजित गहलोत शामिल हुए। कलेक्टर श्रीमती प्रियंका ऋषि महोबिया स्वागत उद्बोधन में ज़िले में विकास कार्यों की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। सप्रे स्मृति महोत्सव में भारतीय नवजागरण और समकालीनता, आंचलिक पत्रकारिता और दायित्वबोध विषयों पर व्याख्यान और विचार गोष्ठी हुई।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब जीपीएम जिला बन गया है। इस शहर का बहुत पुराना इतिहास रहा है। यहां से 1900 में छत्तीसगढ़ मित्र का प्रकाशन आरंभ हुआ। पहली कहानी यहीं लिखी गई। इससे स्पष्ट है कि इस मिट्टी में पत्रकारिता और साहित्य रचे बसे हैं। यह अरपा ही नहीं, पत्रकारिता और साहित्य का उद्गम स्थल भी है। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मेरे कार्यकाल में इस जिले का निर्माण हुआ। हमारी सरकार बनने से केवल इसी क्षेत्र के लोगों की ही मांग पूरी नहीं हुई, बल्कि राज्य में इसके समेत 6 नये जिले बने।

जिलों के साथ-साथ 19 नये अनुविभाग और 83 नयी तहसीलें भी बनाई गईं। हमने जो नये जिले बनाए हैं, उनमें से लगभग सभी जिले ऐसे हैं जहां पर वंचित समुदाय के लोग बहुतायत में निवास करते हैं। ये वे लोग हैं जो वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित रहे, और जिन्हें वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा थी। नये जिलों के गठन का उद्देश्य इन्हीं समुदायों तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करना है।

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