अरुणाचल के 3 खिलाड़ियों को चीन ने नहीं दी एशियन गेम्स में एंट्री, ऐक्शन में भारत….दिया मुंहतोड़ जवाब
(शशि कोन्हेर) : अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ियों को एशियन गेम्स के लिए यात्रा की अनुमति नहीं दिए जाने पर भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। चीन के सामने कड़ा विरोध जताने के अलावा, खेल एवं युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने एशियाई खेलों के लिए अपना चीन दौरा भी रद्द कर दिया। इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने पूर्व-निर्धारित तरीके से, अरुणाचल प्रदेश के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझू में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। भारत दृढ़ता से जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, ”चीन द्वारा हमारे कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से रोके जाने के खिलाफ नई दिल्ली ने बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया है। चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करती है। इसके अलावा, चीनी कार्रवाई के खिलाफ हमारे विरोध के रूप में, भारत के सूचना एवं प्रसारण और युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।”
बता दें कि भारत के तीन वुशु खिलाड़ियों न्येमान वांग्सू, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु को चीन ने एशियाई खेलों में एंट्री देने से वंचित कर दिया है। ये तीनों भारतीय खिलाड़ी अरुणाचल प्रदेश से हैं। भारतीय वुशु टीम के बाकी सदस्य जिसमें 7 अन्य खिलाड़ी और कर्मचारी शामिल थे, हांगकांग के लिए रवाना हुए और वहां से चीन के हांगझू के लिए उड़ान भरी। बीते बुधवार, 20 सितंबर को टीम के चीन के लिए रवाना होने के दौरान अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ियों को विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि बोर्डिंग के लिए कोई उचित मंजूरी नहीं थी।
इसके बाद खिलाड़ियों को नई दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में भारतीय खेल प्राधिकरण के होस्टल में वापस लाया गया। इस मामले को एशियाई खेलों की आयोजन समिति और ओसीए (ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया) के साथ भी उठाया गया है। वुशू इवेंट की शुरुआत 24 सितंबर से हो रही है। इससे पहले जुलाई महीने में आयोजित यूनिवर्सिटी गेम्स के दौरान तीनों खिलाड़ियों को स्टांप वाले वीजा के बजाय स्टेपल वीजा जारी किया गया था। इसके विरोध में भारत ने अपनी पूरी वुशु टीम को इवेंट से हटा लिया था।
चीन अरुणाचल प्रदेश को ‘दक्षिण तिब्बत’ के रूप में बताता है और हाल ही में रणनीतिक सीमावर्ती राज्य में स्थानों और भौगोलिक विशेषताओं के लिए अपने स्वयं के नामों की एक सूची की घोषणा की है। हाल ही में बीजिंग द्वारा जारी एक मैप में भी अरुणाचल प्रदेश को चीन की सीमा के भीतर दर्शाया गया था। इस नक्शे को भारत और कई अन्य देशों ने खारिज कर दिया था।
तीन वुशु खिलाड़ियों – न्येमान वांग्सू, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु – को हांग्जो एशियाई खेल आयोजन समिति (एचएजीओसी) से उनके मान्यता कार्ड प्राप्त हुए, जो एंट्री वीजा के रूप में भी काम करते हैं। एथलीटों को अपने यात्रा दस्तावेज डाउनलोड करने होते हैं। हालांकि, तीनों खिलाड़ी अपने यात्रा दस्तावेज़ डाउनलोड नहीं कर सके। एक भारतीय अधिकारी ने कहा, “एक बार जब एथलीटों को आयोजन समिति से मान्यता कार्ड प्राप्त हो गए, तो इसका मतलब था कि उन्हें एशियाई खेलों के लिए यात्रा करने की मंजूरी मिल गई है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि केवल ये तीन खिलाड़ी ही अपने दस्तावेज डाउनलोड नहीं कर सके और वे उड़ान में सवार नहीं हो सके।”