सुरक्षा के बिना सिटी फॉरेस्ट किया जा रहा डेवलप, रिजर्व एरिया फदहाखार का जंगल और वन्य प्राणियों पर मंडरा रहा खतरा…..
(भूपेंद्र सिंह राठौर) : आरक्षित वन फदहाखार सुरक्षित नहीं है। इसके हिस्से में घेराबंदी ही नहीं है। यहां लगे तार व लोहे के पोल दोनों गायब हो गए हैं। इनकी असुरक्षा के बीच अब यहां नगर वन का निर्माण चल रहा है। इसके अलावा वन्य प्राणियों को भी खतरा है।
सड़क के किनारे से लगे फदहाखार की सीमा को वन विभाग ने सुरक्षित रखने के लिए जीआई तार वाले पोल लगाए थे। घेराबंदी की ऊंचाई इतनी अधिक थी कि कोई भी यहां घुस नहीं सकता था। लेकिन, बदमाश तार व पोल को उखाड़कर ले गए। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद विभाग ने संबंधित थाने में चोरी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई। इस घटना के बाद से यह एरिया घेराविहिन है।
ऐसी स्थिति में कोई भी यहां आसानी से पहुंच जाता है। कुछ जगहों पर ठूंठ भी है, जो यह दर्शाता है कि बदमाशों की यहां घुसपैठ बढ़ गई है। फदहाखार का एक एरिया पूरी तरह से खुला है। इसके बावजूद वन विभाग ने अब तक घेराबंदी का इंतजाम नहीं किया है।
जिसके चलते यह रिजर्व फारेस्ट एरिया पूरी तरह असुरक्षित है। जब इस सम्बंध में बिलासपुर वन मंडल के एसडीओ अभिवन कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 6 महीने पूर्व यहां के तार ओर पोल चोरी हुए थे,जिसकी रिपोर्ट सम्बंधित थाने में कराई गई थी, बाद में इस मामले में 84 नग पोल ओर फेंसिंग तार बरामद किया गया था।
अब यहां नगर वन का कार्य भी चल रहा है। विभाग इस रिजर्व फारेस्ट एरिया के 50 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन बना रहा है। नगर वन निर्माण में दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। वही वन विभाग के एसडीओ अभिनव कुमार ने जानकारी दी है।
कि यहां किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना की जवाबदेही अब सर्किल प्रभारी की रहेगी। इसके साथ ही चौकीदारो को भी चारो ओर तैनात किया जायेगा। उड़नदस्ता की टीम सप्ताह भर में यहां पहुंचकर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सोपेगी।
दरअसल सुरक्षा घेरा नहीं होने के कारण कोई भी आसानी से जंगल में घुस सकता है। सिरगिट्टी में वन विभाग की फदहाखार नर्सरी है।
यह रिजर्व फारेस्ट है। इस लिहाज से यहां बिना अनुमति प्रवेश या विभागीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अपराध है। इसके बावजूद असमाजिक तत्वों ने इस रिजर्व फारेस्ट एरिया की सुरक्षा के लिए लगाए गए घेरे के सामान को चोरी कर लिया।