(शशि कोंनहेर) : बिलासपुर। सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाली प्रार्थिया ने 13 मार्च को थाने में आकर राजस्थान के रहने वाले जगमल सैनी नाम के व्यक्ति पर शादी का झांसा देकर उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। इस रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान के अलवर जिले में ग्राम सकट थाना टैला के रहने वाले 30 वर्षीय जगराम सैनी पिता रामखिलाड़ी सैनी को सिटी कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है।
इस मामले में मिली जानकारी के अनुसार 13 मार्च को प्रार्थिया ने थाने में आकर रिपोर्ट लिखाई कि उसका परिचय मल्टी लेवल मार्केटिंग के माध्यम से अलवर राजस्थान में रहने वाले जगराम सैनी से हो गया। उसने प्रार्थिया महिला को ट्रेनिंग देने हेतु राजस्थान बुलाया था। इस पर प्रार्थिया 6 माह की ट्रेनिंग कर राजस्थान से वापस अपने घर बिलासपुर आ गई।
मार्केटिंग के संबंध में जगराम सैनी 2 जनवरी 2022 को बिलासपुर के तेलीपारा रोड में शारदा होटल में रुका हुआ था। उसने प्रार्थिया को फोन कर शारदा होटल बुलाया और शादी का प्रलोभन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। इसके बाद जब भी जगराम सैनी बिलासपुर आता था तो वह शारदा होटल में प्रार्थिया को बुलाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता था। बाद में जब प्रार्थिया को जगराम सैनी के शादीशुदा होने का पता लगा तो उसने जगराम सैनी से बातचीत करना बंद कर दिया।
इस पर आरोपी जगराम सैनी के द्वारा प्रार्थिया के फोटो और मैसेज को वायरल कर देने की धमकी देकर शारीरिक और मानसिक रूप से उसे प्रताड़ित करने लगा। और जान की धमकी देने लगा। 11 फरवरी को प्रार्थिया कश्यप कॉलोनी में स्थित अपने किराए के मकान में थी। उसी समय आरोपी जगराम सैनी वहां आया और उसे हाथ से मुक्का से मारपीट कर जबरन शारीरिक संबंध बनाया।
और उसके परिवार वालों को फोन कर अपशब्द कहने लगा। इस पर प्रार्थिया द्वारा की गई रिपोर्ट पर पुलिस ने धारा 376 और 323 तथा 506 के अलावा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस अधीक्षक श्री संतोष कुमार सिंह को मामले की जानकारी दी। और उनके निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र जायसवाल नगर पुलिस अधीक्षक श्रीमती पूजा कुमार के मार्गदर्शन में सिटी कोतवाली निरीक्षक प्रदीप आर्य के नेतृत्व में पुलिस स्टाफ द्वारा जगराम सैनी पिता रामखिलाड़ी सैनी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। इस मामले में निरीक्षक प्रदीप कुमार आर्य के साथ सहायक उपनिरीक्षक सीता साहू आरक्षक नूरुल कादिर, प्रेम सूर्यवंशी और महिला आरक्षक प्रेम कुमारी का विशेष योगदान रहा।