बिलासपुर में खनिज विभाग कार्यालय को बंद कर ताला लगा दें.. या उसे खनन माफिया को ही सालाना भाड़े पर दे दें
(शशि कोन्हेर) : बिलासपुर – बिलासपुर में जिस तरह खनन माफिया के हौसले बुलंदी पर हैं। उसके आगे खनिज विभाग के अफसर और प्रशासनिक अधिकारी भी खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। यहां तक की मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की चेतावनी के बावजूद बिलासपुर जिले में अरपा सहित तमाम जगहों पर हो रही रेत की अवैध खुदाई और परिवहन पर रोक नहीं लगी है।
इसके उलट मुख्यमंत्री की चेतावनी के बाद रेत माफिया और भी अधिक सीनाजोरी से अवैध उत्खनन कर रहा है। यह साफ दिख रहा है कि बिलासपुर शहर के चारों ओर हो रहे इस अवैध उत्खनन के जरिए रेती मुरूम और गिट्टी का गोरख धंधा करने वालों को खनिज विभाग के अफसर ना रोक सकते हैं और ना रोक सकेंगे। यह पुरुषार्थ अब उनके बूते से बाहर दिखाई दे रहा है।
उसके अधिकारी कभी कभार दिखाने के लिए 2–4 ट्रैक्टर ट्राली, ट्रक आदि जप्त कर अपने आप को कर्तव्य परायण बताने का झूठा नाटक करते हैं। गत दिनों कलेक्टर के द्वारा घुट्कु रेत घाट के औचक निरीक्षण और कार्यवाही के निर्देश देने के बाद भी वहां का नजारा जस का तस बना हुआ है। बिलासपुर के चारों तरफ रेत की अवैध डंपिंग खनिज विभाग और जिला प्रशासन को छोड़कर बाकी सभी को दिखाई दे रही है। रेत माफिया के सामने खनिज प्रशासन की बेचारगी और लाचारगी से यह साबित हो चुका है कि बिलासपुर में अवैध खनिज उत्खनन कभी भी नहीं रुक सकता।
अगर ऐसा है तो जिला प्रशासन और शासन को बिलासपुर जिले के खनिज विभाग कार्यालय को बंद कर उस में ताला लगा देना चाहिए। या फिर उसे, खनिज माफिया को ही सालाना ठेके अथवा भाड़े पर दे देना चाहिए। जिससे कम से कम शासन के खजाने में एकमुश्त कुछ पैसे तो जमा होंगे। वरना आज के अंधाधुंध अवैध उत्खनन से एक शासन का खजाना (ठण ठण गौपाल) छोड़कर इस धंधे से जुड़े माफिया और उन को संरक्षण दे रहे नेता तथा अधिकारियों की तिजौरिया लाल हरे नोटों से ओव्हरफ्लो हो रही है..! इसीलिए शासन को इस विभाग को बंद कर उस की बागडोर खनन माफिया को ही एकमुश्त ठेके पर दे देना चाहिए।