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CM गहलोत को अब अपने ही समुदाय से टेंशन, उठने लगी ये मांग समझें राजस्थान में माली वोटरों का प्रभाव

(शशि कोन्हेर) : राजस्थान में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले सूबे के कई समुदाय शक्ति प्रदर्शन में जुट गए हैं। ऐसे में राजस्थान के माली समुदाय के लोग बीते तीन दिनों से सड़क पर उतर चुके हैं। वह कुछ मांग लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी माली समुदाय से आते हैं। ऐसे में चुनाव से पहले सीएम गहलोत के उनके ही समुदाय के लोगों से टेंशन मिलना शुरू हो गया है। आइए समझते हैं पूरा मामला…

क्या है मांग?
दरअसल, राजस्थान के भरतपुर जिले के कई हिस्सों में रविवार को मोबाइल इंटरनेट सेवा निलंबित रही। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि माली समुदाय के लोगों ने लगातार तीसरे दिन जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध रखा। माली समुदाय की मांग है कि उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अलग से 12 फीसदी आरक्षण दिया जाए। इसके साथ ही माली समुदाय के लोग अपने नेता मुरारी लाल सैनी की रिहाई की मांग भी कर रहे हैं। गौरतलब है कि मुरारी लाल को आंदोलन से पहले छह अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया गया था।

गहलोत सरकार को चेतावनी
विरोध कर रहे माली समुदाय के लोगों ने गहलोत सरकार को एक चेतावनी भी दे डाली। फुले आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष सीपी सैनी ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो वे जयपुर-दिल्ली राजमार्ग को भी अवरुद्ध कर देंगे। उन्होंने कहा, ‘हम पूरे राज्य में चक्का जाम भी कर सकते हैं।’

और क्या है मांग…
विरोध कर रहे माली समुदाय के लोगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। इसी के साथ भरतपुर जिले के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गईं। 12 फीसदी आरक्षण के अलावा माली समुदाय की मांग है कि एक अलग लव कुश कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा प्रदान की जाए। ऐसे में चुनाव से पहले माली समुदाय के ये मांग गहलोत को टेंशन दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि माली समुदाय का राजस्थान की राजनीति में क्या प्रभाव है।

40 सीटों पर अहम भूमिका
राजस्थान में माली, सैनी और कुशवाहा की आबादी 10 फीसदी के आसपास है। माली समुदाय OBC वर्ग में आता है। सीएम गहलोत भी इसी समुदाय से आते हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि माली समुदाय से वर्तमान सरकार में केवल एक ही विधायक है। वह कोई और नहीं राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं। हालांकि माली समुदाय के लोग चुनाव में लगभग 200 में से 40 सीटों पर हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में सीएम गहलोत के लिए इस समुदाय को मनाना खासा महत्वपूर्ण हो जाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सीएम गहलोत अपने ही समुदाय को मनाने के लिए क्या प्लान बनाते हैं। 

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