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चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं….बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

(शशि कोन्हेर) : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर हो रही हिंसा और केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार पर सख्त टिप्पणी की. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि चुनाव कराना, हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है.

वहीं राज्य सरकार की ओर से पेश हुए सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव कराना है. हम पर्याप्त बल मुहैया करा रहे हैं. जो इलाके संवेदनशील नहीं हैं या हिंसा का सामना नहीं कर रहे हैं, इन इलाकों में अतिरिक्त बल तैनात करना और अधिक समस्याएं पैदा करेगा. बीते चुनाव में तैनात हुई सीआरपीएफ ने भीड़ पर फायरिंग की थी.

SC ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती आपकी जिम्मेदारी के निर्वहन के लिए एक सहायता है. हमें नहीं लगता कि हाई कोर्ट द्वारा पारित निर्देशों के संबंध में आपको कोई शिकायत हो सकती है. हम हाई कोर्ट से आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने के लिए कह सकते हैं. आप गैर संवेदनशील क्षेत्रों में भी निश्चिंत रह सकते हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएंगे.

बता दें कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने 48 घंटे में हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था. इसके खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि 13 जून को राज्य चुनाव आयोग सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार के साथ असेसमेंट कर रहा था, लेकिन 15 जून को हाई कोर्ट ने 48 घंटे में अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का आदेश दे दिया.

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