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पूरे देश को चंद्रयान-3 की सफलता की बधाई.. आपको पता है इस मिशन का पहला राकेट साइकल से और दूसरा बैलगाड़ी से प्रक्षेपण के लिए ले जाया गया था

(शशि कोन्हेर) : आज चंद्रयान-3 की सफल लांचिग पर पूरा देश खुशियां मना रहा है। इसरो की इस सफलता पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरा देश वैज्ञानिकों को तहे दिल से बधाई दे रहा है। आज इस प्रयोग की शुरुआत से अंतिम छोर तक सफलता मिलने पर भारत ऐसा करने वाला विश्व का चौथा  देश हो जाएगा। महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई ने 15 अगस्त 1959 को इसरो की स्थापना की थी।

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वैज्ञानिक पहला रॉकेट साईकिल पर लादकर प्रक्षेपण स्थल पर ले गए थे। जबकि इस मिशन का दूसरा राकेट काफी बड़ा और भारी था। जिसे बैलगाड़ी के सहारे प्रक्षेपण स्थल तक ले जाया गया। इससे ज्यादा रोमांचक बात यह है कि भारत ने पहले राकेट के लिए नारियल के पेड़ों को लांचिंग पैड बनाया था।

आज भले ही भारत विश्व की महान वैज्ञानिक शक्तियों के मंच पर अपना मजबूत पांव जमा चुका है। लेकिन ऐसे समय में हमें डॉ विक्रम साराभाई समेत उन सभी वैज्ञानिकों का स्मरण जरूर करना चाहिए जिनके द्वारा इस मिशन के तहत पहला राकेट साइकिल से और दूसरा राकेट बैलगाड़ी से प्रक्षेपण स्थल तक ले जाकर इसरो के सफर की सफल शुरुआत की थी।

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